नाम एवं पता | ‘चैतन्यधाम’ नेशनल हाइवे नं. 8, धणप, जिला-गांधीनगर (गुज.) – 382355 |
टेलीफोन | 079-23272222 |
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ |
आवास : कमरे (अटैच बाथरूम) – 100, कमरे (बिना बाथरूम ) – x, गेस्ट हाऊस – 02, हाल – 10 यात्री ठहराने की कुल क्षमता – 700 अन्य – जिन मंदिर और स्वाध्याय हॉल भोजनशाला : हैं , विद्यालय : हैं , औषधालय : हैं , पुस्तकालय : नहीं |
आवागमन के साधन | रेल्वे स्टेशन : अहमदाबाद 35 कि.मी.
बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग : अहमदाबाद 35 कि.मी. मोटा चिलोड़ा से हिम्मतनगर जाने वाली बस से, अहमदाबाद रेल्वे स्टेशन से ओर बस स्टेशन से अंबाजी, हिम्मतनगर जाने वाली बस में आ सकते हैं |
निकटतम प्रमुख नगर | गांधीनगर 17 कि.मी., अहमदाबाद- 35 कि.मी. |
प्रबन्ध व्यवस्था |
संस्था : पू. श्री कु. कु. धर्मरत्न पं. श्री बाबुभाई मेहता दिग. जैन संतसमागम पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट अध्यक्ष : श्री अमृतभाई सी. मेहता, अहमदाबाद (9428246773) मंत्री : श्री राजुभाई वी. शाह, अहमदाबाद (9825030606) प्रबन्धक : श्री एफ. एम. रावल, चैतन्यधाम, धणप (9924082323) |
क्षेत्र का महत्व |
क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 1 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : आध्यात्म साधना तीर्थ ‘चैतन्यधाम’ का निर्माण सन् 2008 में स्वाध्याय एवं आत्मसाधना हेतु हुआ, यह दर्शनीय एवं ऐतिहासिक साधना तीर्थ है । श्री कुंदकुंद कहान स्वाध्याय भवन और उसके ऊपर विशाल श्री महावीर स्वामी जिन मंदिर का निर्माण किया गया है। भारत में पहली बार पंचधातु निर्मित पद्मासन 71″ की श्री महावीर भगवान, 62* की श्री पार्श्वनाथ भगवान और श्री सीमंधर भगवान, 65″ के खड्गासन श्री नेमिनाथ भगवान और शांतिनाथ भगवान एवं 9′ की पद्मासन श्री आदिनाथ भगवान और चंद्रप्रभु भगवान की जिनप्रतिमाएं धवलपाषाण निर्मित विशाल वेदी पर विराजमान हैं। मंदिर के ऊपरी भाग में अद्भुत कलायुक्त बंसीपहाड़पुर पत्थरों की वेदी पर धवलपाषाण निर्मित वर्तमान चौबीस तीर्थंकरों की प्रतिमाएं विराजमान हैं। |
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र |
तारंगाजी 150 कि.मी., चिंतामणि पार्श्वनाथ- 110 कि.मी., पावागढ़ – 175 कि.मी., सोनगढ़ – 220 कि.मी., गिरनारजी – 365 कि.मी. |