तर्ज-लिया प्रभू अवतार…………
लगा प्रभू दरबार, जय जयकार जय जयकार जय जयकार।
अवध के राजकुमार, जय जयकार जय जयकार जय जयकार।।
आज खुशी है आज खुशी है, हमें खुशी है तुम्हें खुशी है।
खुशियाँ अपरम्पार, जय जयकार………………..।। लगा….।।1।।
पुष्प और रत्नों की वर्षा, सुरपति करते हरषा-हरषा।
बजे दुन्दुभी सार, जय जयकार………………..।। लगा….।।2।।
नाभिराय ने ऋषभदेव का, राज्यपट्ट अभिषेक किया था।
सबको हर्ष अपार, जय जयकार………………..।। लगा….।।3।।
प्रभु ने राजनीति सिखलाई, धर्मनीति की बात बताई।
धर्म ही जग में सार, जय जयकार………………..।। लगा….।।4।।
आवो हम सब प्रभु गुण गावें, धन्य ‘‘चन्दनामति’’ हो जावें।
सब जग मंगलकार, जय जयकार………………..।। लगा….।।5।।