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स्वस्तिश्री रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी का परिचय

June 7, 2022विशिष्ट व्यक्तित्वSurbhi Jain

१०८ फुट भगवान ऋषभदेव प्रतिमा निर्माण के यशस्वी अध्यक्ष एवं कर्मठ नेतृत्वकर्ता
कर्मयोगी पीठाधीश स्वस्तिश्री रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी का परिचय


(१) जन्म-              आपका जन्म ज्येष्ठ शुक्ला पंचमी (श्रुतपंचमी) को सन् १९५० में हुआ।

(२) जन्म स्थान-    टिकैतनगर (बाराबंकी) उ.प्र.

(३) माता-पिता-    माता मोहिनी देवी (आर्यिका श्री रत्नमती माताजी हुई) एवं पिता श्री  छोटेलाल जैन

(४) जन्म नाम-    रवीन्द्र कुमार जैन

(५) शिक्षा-    लखनऊ युनिवर्सिटी से बी.ए. तक अध्ययन

(६) भाई बहन-

बहनें-

-कु. मैना जैन (वर्तमान-गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी)
-कु. मनोवती जैन (वर्तमान-आर्यिका श्री अभयमती माताजी)
-कु. माधुरी जैन (वर्तमान-आर्यिका श्री चंदनामती माताजी)
-श्रीमती शांति देवी जैन ध.प. श्री राजकुमार जैन, डालीगंज, लखनऊ (उ.प्र.)
-सौ. श्रीमती जैन ध.प. श्री प्रेमचंद जैन, बहराइच (उ.प्र.)
-श्रीमती कुमुदिनी जैन ध.प. स्व. श्री प्रकाशचंद जैन, कानपुर (उ.प्र.)
-श्रीमती मालती जैन ध.प. श्री यशवीर जैन, मोरीगेट-दिल्ली
-श्रीमती कामिनी जैन ध.प श्री जयप्रकाश जैन, दरियाबाद (उ.प्र.)
-श्रीमती त्रिशला जैन ध.प. श्री चन्द्रप्रकाश जैन, नाका हिण्डोला, लखनऊ (उ.प्र.)

भाई-

श्री कैलाशचंद जैन सर्राफ, लखनऊ (उ.प्र.)
-स्व. श्री प्रकाशचंद जैन, टिकैतनगर (उ.प्र.)
-श्री सुभाषचंद जैन सर्राफ, लखनऊ-टिकैतनगर (उ.प्र.)

(७) त्याग की प्रेरणा-    सन् १९६८ में पूज्य गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा २ वर्ष का ब्रह्मचर्य व्रत
(८) आजन्म ब्रह्मचर्य व्रत-    सन् १९७२ में आचार्य श्री धर्मसागर जी महाराज द्वारा, नागौर (राज.) में
(९) सप्तम प्रतिमा के व्रत एवं गृह त्याग-    सन् १९८७ में पूज्य गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा
(१०) दशम प्रतिमा एवं पीठाधीश पदारोहण के संस्कार-   मगसिर कृष्णा दशमी, २० नवम्बर २०११, पूज्य गणिनीप्रमुख आर्यिका श्री                                                                                                       ज्ञानमती माताजी द्वारा

(११) उपाधि अलंकरण-

– ‘कर्मयोगी’ (सन् १९९२ में अ.भा. दि. जैन शास्त्री परिषद द्वारा)
– ‘धर्मसंरक्षणाचार्य’ (सन् १९९६ में मांगीतुंगी-महा. में पंचकल्याणक के अवसर पर वीर सेवा दल द्वारा)
– ‘संस्कृति संरक्षक’ (सन् २००६ में भट्टारकवृंद द्वारा)
– ‘धर्मालंकार’ (सन् १९९६, मांगीतुंगी में)
– ‘संस्कृति सार्थवाह’ (१२ जून २०१०, जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर में आयोजित ज्ञान ज्योति विद्वत् प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर समस्त विद्वत्जनों द्वारा)
– ‘तीर्थोद्धारक’ (३० नवम्बर २०११, औरंगाबाद-महा. में समस्त दिगम्बर जैन समाज औरंगाबाद एवं गणिनी ज्ञानमती भक्तमण्डल महाराष्ट्र द्वारा पीठाधीश पदारोहण के उपरांत आयोजित स्वामी जी के सम्मान समारोह में प्रदत्त)

(१२) विदेश यात्रा- भगवान ऋषभदेव अंतर्राष्ट्रीय निर्वाण महामहोत्सव वर्ष के अन्तर्गत सन् २००० में न्यूयार्क-अमेरिका में आयोजित ‘विश्वशांति शिखर सम्मेलन’ में जैन धर्माचार्य के रूप में विशेष सहभागिता

(१३) साहित्यिक अवदान-  विगत ३८ वर्षों से संस्थान द्वारा प्रकाशित की जाने वाली सम्यग्ज्ञान मासिक पत्रिका का सम्पादन।
-वीर ज्ञानोदय ग्रंथमाला द्वारा प्रकाशित होने वाले पूज्य माताजी द्वारा लिखित ग्रंथों का सम्पादन कर प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में छपवाकर विशेष धर्मप्रचार में महत्वपूर्ण सहयोग।

(१४) विशेष सौभाग्य-  आपको पूज्य गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी जैसी जैन समाज की सर्वोच्च साध्वी के लघु भ्राता होने का सौभाग्य प्राप्त है। साथ ही आपकी अन्य दो बहनें भी उपरोक्तानुसार आर्यिका व्रतों का अनुपालन करते हुए आत्मकल्याण एवं धर्मप्रभावना के कार्य कर रही हैं। इसके साथ ही सबसे महान सौभाग्य यह है कि आपकी जन्म प्रदात्री माँ ने भी तेरह संतानों का लालन-पालन करने के उपरांत स्वयं आर्यिका दीक्षा धारण की और अपने मानव जीवन को सफल किया, ऐसी पूज्य महान आत्माओं के साथ आपका गृहस्थ संबंध होना अत्यन्त विशेष सौभाग्य एवं पुण्य का विषय है।

(१५) विभिन्न नेतृत्व-

अध्यक्ष-दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान, जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर (मेरठ) उ.प्र.
अध्यक्ष-भगवान महावीर जन्मभूमि कुण्डलपुर दि. जैन समिति, कुण्डलपुर (नालंदा) बिहार
अध्यक्ष-तीर्थंकर ऋषभदेव तपस्थली तीर्थ प्रयाग प्रबंध समिति, प्रयाग-इलाहाबाद (उ.प्र.)
अध्यक्ष-दिगम्बर जैन अयोध्या तीर्थक्षेत्र कमेटी, अयोध्या (पैâजाबाद) उ.प्र.
अध्यक्ष-भगवान पुष्पदंतनाथ जन्मभूमि काकंदी दि. जैन समिति, काकंदी (देवरिया-गोरखपुर) उ.प्र.
अध्यक्ष-भगवान ऋषभदेव १०८ फुट उत्तुंग मूर्ति निर्माण कमेटी, मांगीतुंगी (सटाणा) महा.
चेयरमैन-गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी दीक्षा तीर्थ, माधोराजपुरा (जयपुर) राज.
अध्यक्ष-तीर्थंकर ऋषभदेव जैन विद्वत् महासंघ
अध्यक्ष-अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन युवा परिषद
अध्यक्ष-भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थंकर जन्मभूमि विकास कमेटी
कार्याध्यक्ष-बिहार प्रान्तीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी, कार्यालय-आरा (बिहार)
उपाध्यक्ष-भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा, दिल्ली
परामर्शदाता-भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी
प्रेरणास्रोत-श्रुत सेवा निधि न्यास, फिरोजाबाद (उ.प्र.)
चेयरमैन-अग्रवाल दिगम्बर जैन महासभा

Tags: Ratanmati mata ji
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