१. अयोध्या (पैâजाबाद-उ.प्र.) – श्री ऋषभदेव भगवान, श्री अजितनाथ भगवान,श्री अभिनंदननाथ भगवान, श्री सुमतिनाथ भगवान, श्री अनंतनाथ भगवान
२. श्रावस्ती (बहराइच-उ.प्र.) – श्री संभवनाथ भगवान
३. कौशाम्बी (उ.प्र.) – श्री पद्मप्रभु भगवान
४. वाराणसी (उ.प्र.) – श्री सुपार्श्वनाथ भगवान, श्री पार्श्वनाथ भगवान
५. चन्द्रपुरी (वाराणसी) उ.प्र. – श्री चन्द्रप्रभु भगवान
६. काकन्दी (देवरिया नि.-गोरखपुर) उ.प्र. – श्री पुष्पदंतनाथ भगवान
७. भद्रिकापुरी (भद्दिलपुर) – श्री शीतलनाथ भगवान
८. सिंहपुरी (सारनाथ) उ.प्र. – श्री श्रेयांसनाथ भगवान
९. चम्पापुरी (भागलपुर-बिहार) – श्री वासुपूज्यनाथ भगवान
१०. कम्पिलपुरी (फर्रुक्खाबाद-उ.प्र.) – श्री विमलनाथ भगवान
११. रत्नपुरी (पैâजाबाद-उ.प्र.) – श्री धर्मनाथ भगवान
१२. हस्तिनापुर (मेरठ-उ.प्र.) – श्री शांतिनाथ भगवान, श्री कुन्थुनाथ भगवान, श्री अरनाथ भगवान
१३. मिथिलापुरी – श्री मल्लिनाथ भगवान, श्री नमिनाथ भगवान
१४. राजगृही (नालंदा-बिहार) – श्री मुनिसुव्रतनाथ भगवान
१५. शौरीपुर (बटेश्वर-उ.प्र.) – श्री नेमिनाथ भगवान
१६. कुण्डलपुर (नालंदा-बिहार) – श्री महावीर भगवान
विशेष-ज्ञातव्य है कि पूज्य गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से स्थापित अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थंकर जन्मभूमि विकास कमेटी द्वारा तीर्थंकर भगवन्तों की जन्मभूमियों के विकास का क्रम सफलतापूर्वक जारी है।
इस क्रम में हस्तिनापुर, अयोध्या, कुण्डलपुर (नालंदा), राजगृही, सिंहपुरी (सारनाथ) में सुन्दर निर्माण एवं विकास के कार्य सम्पन्न हुए हैं, जिससे कि प्राचीन तीर्थभूमियाँ प्रकाश में आई हैं तथा उनका राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार हुआ है।
इसी क्रम में वर्तमान में भगवान पुष्पदंतनाथ की जन्मभूमि काकंदी का भी निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। आप भी अपने आस-पास के क्षेत्र में स्थित तीर्थंकर जन्मभूमियों के विकास हेतु समाज में जागरूकता पैदा करें एवं संगठित होकर उन प्राचीन तीर्थभूमियों का जीर्णोद्धार करें। इस कार्य में हम सदैव आपके साथ हैं।