भगवान महावीर जन्मभूमि कुण्डलपुर (नालंदा-बिहार) का विकास
भगवान महावीर के 2600 वें जन्मकल्याणक महोत्सव के अवसर पर पूज्य माताजी ने उनकी वास्तविक जन्मभूमि कुण्डलपुर (नालंदा) के उपेक्षित स्वरूप को विकसित करने की प्रेरणा देकर वास्तव में जैन समाज पर महान उपकार किया है। वहाँ लघुकाय प्राचीन मंदिर में कीर्तिस्तंभ का निर्माण करके
दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान के अंतर्गत निर्मित “भगवान महावीर जन्मभूमि कुण्डलपुर दिगम्बर जैन समिति” के द्वारा लगभग दो एकड़ की उत्तरमुखी जमीन अगस्त सन् 2002 में क्रय की गई, जिसमें 29 दिसंबर 2002 को शिलान्यास करके निर्माणकार्य शुरू हुआ एवं 7 फरवरी 2003 से | 12 फरवरी 2003 तक विशाल पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एवं महाकुंभ मस्तकाभिषेक महोत्सव सम्पन्न हुआ।
कुण्डलपुर के जिस सात मंजिले नंद्यावर्त महल में महावीर के जन्म की बात दिगम्बर जैन शास्त्रों में वर्णित है, उसी के नाम पर नवविकसित स्थल का नामकरण किया गया है- “नंद्यावर्त महल”। इस नंद्यावर्त महल परिसर में निम्न वंदनीय एवं दर्शनीय निर्माण योजनाएँ साकार की गई हैं
1. भगवान महावीर जिनमंदिर- 108 फुट उत्तुंग इस मंदिर में भगवान महावीर की अवगाहना प्रमाण 7 हाथ (सवा दस फुट ऊँची खड्गासन श्वेत पाषाण की अतिशयकारी प्रतिमा विराजमान है।
2. भगवान ऋषभदेव जिनमंदिर- 14 फुट उत्तुंग पद्मासन प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव की लालवर्णी प्रतिमा वाला।
3. नवग्रह शांति मंदिर-नौ कमलों पर नवग्रहशांतिकारक नौ तीर्थंकर भगवन्तों की प्रतिमा से समन्वित ।
4. त्रिकाल चौबीसी जिनमंदिर-तीन मंजिल में भूतकाल, वर्तमानकाल एवं भविष्यत्काल के चौबीस-चौबीस तीर्थंकर भगवन्तों की प्रतिमाओं से समन्वित ।
5. नंद्यावर्त महल एवं भगवान शांतिनाथ जिनालय-सात मंजिल वाले इस महल में भगवान महावीर के जन्म से संबंधित इतिहास का दिग्दर्शन एवं सबसे ऊपर भगवान शांतिनाथ का चैत्यालय है।
आवास, भोजन, बिजली, पानी आदि की सभी व्यवस्थाएं क्षेत्र पर समुचितरूप से उपलब्ध हैं।
बिहार प्रान्त में नालंदा से मात्र 2 किमी. की दूरी पर स्थित इस तीर्थ का पूरा पता निम्न प्रकार है
भगवान महावीर जन्मभूमि कुण्डलपुर नंद्यावर्त महल, कुण्डलपुर (नालंदा) बिहार-803111 फोन नं. – (06112) 281846