दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान की स्थापना पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से सन् १९७२ में राजधानी दिल्ली में हुई थी। संस्थान का मुख्य कार्यालय सन् १९७४ से हस्तिनापुर में प्रारंभ हुआ। इस संस्थान के अन्तर्गत अनेक गतिविधियाँ हस्तिनापुर में तथा अन्यत्र चल रही हैं-

५. जम्बूद्वीप पुस्तकालय जिसमें लगभग १५००० ग्रंथ संग्रहीत हैं।
का संचालन।
महोत्सव।
(७) अप्रैल सन् १९८५ में जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर स्थल पर ‘जैन गणित और त्रिलोक विज्ञान’ विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन।
३१ फुट उत्तुंग भगवान ऋषभदेव की खड्गासन प्रतिमा का महावुंâभ मस्तकाभिषेक महोत्सव। प्रति १० वर्षानुसार यहाँ सन् २००५ में भी महाकुंभ मस्तकाभिषेक सम्पन्न किया गया।
(१६) अक्टूबर १९९८ में जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर में ‘राष्ट्रीय कुलपति सम्मेलन’ का आयोजन।
(२६) जनवरी २००५ में भगवान श्रेयांसनाथ की जन्मभूमि सिंहपुरी (सारनाथ) में पूज्य माताजी ससंघ के सान्निध्य मेें भगवान श्रेयांसनाथ की विशाल प्रतिमा का भव्य पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव।
(३४) फरवरी २०१० में जम्बूद्वीप स्थल पर ‘जम्बूद्वीप रजत जयंती महोत्सव’ के साथ भगवान शांतिनाथ-कुंथुनाथ-अरहनाथ की ३१-३१ फुट उत्तुंग विशाल खड्गासन प्रतिमाओं तथा नवनिर्मित तीनलोक रचना के भगवन्तों का ‘अंतर्राष्ट्रीय पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एवं तीर्थंकरत्रय महामस्तकाभिषेक महोत्सव’।
(४३) मई २०१३ में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शिर्डी (महा.) में ‘‘ज्ञानतीर्थ’’ का विकास एवं तीर्थ पर निर्माणाधीन ८१ पुâट ऊँचे कमल मंदिर में विराजमान १५ फुट के पद्मासन भगवान पाश्र्वनाथ का राष्ट्रीय स्तर पर पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव।
णमोकार महामंत्र लेखकों को संस्थान द्वारा प्रतिवर्ष शरदपूर्णिमा के अवसर पर हीरक, स्वर्ण एवं रजत पदक से सम्मानित किया जाता है।
संचालित हो रहा है।
निर्माण एवं विकास में भी संस्थान का महत्वपूर्ण सहयोग है।| गणिनी ज्ञानमती पुरस्कार (१०००००/-रु.), | आर्यिका रत्नमती पुरस्कार (२५०००/-रु.), |
| जम्बूद्वीप पुरस्कार (२५०००/-रु.), | नंद्यावर्त महल पुरस्कार (२५०००/-रु.), |
| श्री छोटेलाल जैन स्मृति पुरस्कार (२५०००/-रु.), | श्री प्रकाशचंद जैन स्मृति पुरस्कार (११०००/-रुपये), |
| जम्बूद्वीप बाल प्रतिभा पुरस्कार (११०००/-रु.) | संस्थान के अन्तर्गत विद्वत् महासंघ द्वारा चंदारानी जैन स्मृति पुरस्कार (११०००/-रु.) |
| पूर्व में विशेष पुरस्कारों में गणिनी ब्राह्मी पुरस्कार (११०००/-रुपये), | रूपाबाई जैन स्मृति पुरस्कार (११०००/-रुपये), |
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महावीर जन्मभूमि कुण्डलपुर पुरस्कार (२५०००/-रुपये),
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गणिनी ज्ञानमती हीरक जयंती पुरस्कार (७५०००/-रु.), |
| भगवान ऋषभदेव नेशनल अवार्ड (२५१०००/-रु.), | आर्यिका दीक्षा स्वर्ण जयंती पुरस्कार (५१०००/-रु.) |
| गणिनी ज्ञानमती अमृत महोत्सव पुरस्कार (८०,०००/-रु.) |


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