करते हैं तुम्हारी आरति , स्वीकार करो माँ |
हम आये शरण तिहारी, बेड़ा पार करो माँ || जय माँ चक्रेश्वरी -२ || टेक ० ||
तुमरे दरश को आए माता, पीर हर लेना |
हे आदिनाथ की शासन देवी, देर मत करना ||
हे गोमुख यक्ष की देवी , चमत्कार करो माँ || हम आये ० || १ ||
दुखहरिणी हो, सुखहरिणी हो , धन धान्य की दाता |
पुत्र, पौत्र , सुख सम्पतिदाता, प्रियकारिणी माता ||
मंगलमयी जीवन दो, अब उद्धार करो माँ || हम आये ० || २ ||
डाकिनि , शाकिनि अरु भूत पिशाचादी के भय हरतीं |
तुम वात , पित्त , कफ , कुष्ट मिटाकर , तन सुखमय करतीं ||
जीवन निरोगमय हो मेरा , यह आश धरूं माँ || हम आये ० ||३ ||
जब-जब भक्त पे पीर पड़े , माँ रक्षा तुम करतीं |
कर चूर सब अभिमान दुष्ट का, सम द्रष्टी धरतीं ||
संकटहरण महादेवी हो, दुःख दूर करो माँ || हम आये ० ||४ ||
कंचन का थाल समर्पण माँ, तुम चरणों में करते |
श्रद्धा , विनय और भक्ति भाव से, आरति हम करते ||
मनवांछित फल पाने को” इंदू” द्वार खड़ी माँ ||हम आये ० || ५ ||