ऊँ जय लक्ष्मी माता , माता जय लक्ष्मी माता |
तुमको जो भी ध्याता , धन सम्पति पाता ||| टेक ० ||
जिनवर संग तुम सदा विराजो , अद्भुत है महिमा || माता………||
समवसरण में अग्र चलो तुम , ऐसी गुण गरिमा || ऊँ जय लक्ष्मी ० ||१ ||
तीर्थंकर तुम शीश विराजें , सौम्य छवी तुम माँ || माता……………||
केवलज्ञान की मूर्ति रूप हो , तुम हो ज्ञानशिखा || ऊँ जय ० || २ ||
ध्यान धरे जो निश दिन तेरा , नित सौभाग्य खिले || माता……,……..||
पूजा भक्ति करे जो भविजन , अक्षय निधी मिले || ऊँ जय ० || ३ ||
दुःख दरिद्रता पल में तुमरे , सुमिरन से मिटतीं || माता……………..||
लक्ष्मी का भंडार हो घर में , बाधाएं टलतीं || ऊँ जय ० ||४ ||
दीपावली के पावन दिन जो , नर – नारी ध्यावें ||माता……………..||
कीर्तिसंपदा पावें , मोक्ष भी मिल जावे || ऊँ जय ० ||५ ||