पूर्व नाम : कु. तृप्ति जैन
ग्राम : भिण्ड (म.प्र.)
पिता, माता : श्री कृष्ण जी जैन, राधा देवी जैन
जन्म, शिक्षा: 02.09.1974 / इन्टर
परिवार : भाई-2, बहन – 2
वैराग्य : गुरु दर्शन एवं आचार्य श्री द्वारा स्थापित धर्म पाठशाला में
छहढाला पढ़ने से : 1990 भिण्ड (म.प्र.)
ब्रह्मचर्य व्रत आर्यिकादीक्षा : 26.02.95,
आहारजी सि.क्षे : आर्यिका विभाश्री माताजी . (म.प्र.)
नाम : 3 मई 2012, जयपुर (राज.) : प. पू. गणाचार्य श्री विरागसागर जी गणिनी पद |
दीक्षा गुरु गुरुमुख से अध्ययन : बालविज्ञान भाग 1, 2, 3, 4, भक्तामर स्तोत्र, पुरुषार्थ सिद्धयुपाय, प्रतिक्रमण त्रय, स्वयंभूस्तोत्र, अनेक स्तुति स्तोत्र, तत्वार्थसूत्र, छहढाला, रत्नकरण्डक श्रावकाचार, द्रव्यसंग्रह, वारसाणुपेक्खा, जीवकाण्ड का तंत्र व्याकरण, संस्कृत शिक्षा भाग 1, 2, 3, भगवती आराधना, प्रवचनसार, सर्वार्थ – सिद्धि, पंचास्तिकाय, समयसार, योगसार, मूलाचार, दशभक्ति, जयधवला, देवागम।
रुचि : अध्ययन, मनन, चिन्तन
चातुर्मास ललितपुर, कटनी, भिण्ड, महेगांव, महेगांव, गुरसराय, खनियाधाना, ग्वालियर, टीकमगढ़, टीकमगढ़, झुमरीतिलैया, गया, कोलकाता, रांची, गया, रांची, सीकर, कोटा ।:
1 (विशेष देखें- प्रशिष्य प्रकरण) शिष्य