पूर्वनाम : कु. आरती जैन
ग्राम : असोखर (म.प्र.)
पिता, माता : श्री रज्जन कुमार जी, उमा लक्ष्मी जैन
जन्म, शिक्षा : 1981 / आठवीं
परिवार : भाई -2, बहन – 5
वैराग्य : संत समागम, अन्तःप्रेरणा
ब्रह्मचर्य व्रत : 18.06.2002, सागर (म.प्र.)
आर्यिका दीक्षा : 13.02.06, श्रवणबेलगोला (कर्ना.)
नाम : आर्यिका विरम्याश्री माताजी
दीक्षा : प.पू. आ. श्री विरागसागर जी
गुरु गुरुमुख से अध्ययन : बालविज्ञान भाग 1, 2, 3, 4, द्रव्यसंग्रह, रत्नकरण्डक श्रावकाचार, तत्त्वार्थसूत्र, जैन सिद्धान्त प्रवेशिका, इष्टोपदेश, समाधितंत्र, परीक्षामुख सूत्र, न्याय दीपिका, कातंत्ररुपमाला, मूलाचार, गोम्मटसार जीवकाण्ड, सर्वार्थसिद्धि, नियमसार, समयसार, प्रवचनसार, छंदपंचविशंति, स्वरुप संबोधन, आलाप पद्धति, पंचास्तिकाय, तत्त्व सार, जयधवलाजी, देवागमस्तोत्र, दशभक्ति संग्रह, रयण सार, तिल्लोयपण्णति, आचारसार, धवलाजी, चौबीस ठाणा, धनंजय नाम माला,
प्रमेयरत्नमाला आदि ।
रुचि : चिन्तन, गुरुभक्ति
विशेष : बहन- आ. विसंयोजनाश्री माताजी
चातुर्मास : मेलचित्तामूर, उदगाँव, मुम्बई, गांधीनगर, लोहारिया, अजमेर, जयपुर, इन्दौर।