पूर्वनाम : कु. सुमति जैन, गया (झा.ख.)
पिता, माता : श्री रतन लाल जी, नयन देवी जैन
जन्म, शिक्षा : 17.03.1977 / इन्टर
परिवार : भाई – 3, बहन – 3
वैराग्य : गुरुचर्या, अन्तःप्रेरणा, सदुपदेश ब्रह्मचर्य व्रत : 03.02.02, श्रेयांसगिरि अ. क्षे. (म.प्र.)
आर्यिका दीक्षा : 13.02.06 श्रवणबेलगोला (कर्ना.)
नाम : आर्यिका विकम्पाश्री माताजी
दीक्षा गुरु : प. पू. गणाचार्य श्री विरागसागर जी
गुरुमुख से अध्ययन : बालविज्ञान भाग 1, 2, 3, 4, द्रव्यसंग्रह, रत्नकरण्डक श्रावकाचार, तत्त्वार्थसूत्र, जैन सिद्धान्त प्रवेशिका, इष्टोपदेश, समाधितंत्र, परीक्षामुख सूत्र, न्याय दीपिका, कातंत्ररुपमाला, मूलाचार, गोम्मटसार जीवकाण्ड, सर्वार्थसिद्धि, नियमसार, समयसार, प्रवचनसार, छंदपंचविशंति, स्वरुप संबोधन, आलाप पद्धति, पंचास्तिकाय, तत्त्वसार, जयधवलाजी, देवागमस्तोत्र, दशभक्ति संग्रह, रयणसार, तिल्लोय पण्णति, आचारसार, धवलाजी, चौबीस ठाणा, धनंजय नाममाला, प्रमेयरत्नमाला सर्वोदया टीका, परमात्म प्रकाश आदि ।
रुचि : चिन्तन, स्वाध्याय, संघ सेवा
चातुर्मास : मेलचित्तामूर, उदगाँव, मुम्बई, गांधी नगर, लोहारिया, अजमेर, जयपुर, इन्दौर।