पूर्वनाम : श्रीमती हीराबाई जैन
ग्राम : भोनपुरा (म.प्र.)
पिता : स्व. श्री मेवालाल जी, स्व. गुलाब बाई जैन जन्म, शिक्षा : चैत्र शुक्ला 9 सन 1944 / प्राथमिक
परिवार : पति – श्री पूरनचन्द जी जैन
भाई -2, बहन – 5, पुत्र- 1, पुत्री – 1
वैराग्य ब्रह्मचर्य व्रत : 1997, भिण्ड (म.प्र.)
आर्यिका दीक्षा : 04.07.10, उदयपुर (राज.)
नाम : आर्यिका विदर्शनाश्री माताजी
दीक्षा गुरु : प. पू. गणाचार्य श्री विरागसागर जी
गुरुमुख से अध्ययन : बालविज्ञान भाग 1, 2, 3, 4, परीक्षामुख सूत्र, न्यायदीपिका, मूलाचार, पुरुषाथ ‘सिद्धयुपाय, रत्नकरण्डक श्रावकाचार, कातन्त्ररूपमाला, सर्वार्थसिद्धि द्रव्य संग्रह, धवलाजी, इष्टोपदेश, गोम्मट सार जीवकाण्ड, समाधितंत्र, मोक्ष शास्त्र सर्वोदया टीका, परमात्म प्रकाश आदि
रूचि : चिन्तन, मनन, स्वाध्याय, संघ सेवा
विशेष : पति- ऐलक विश्वदृग सागर जी
चातुर्मास : लोहारिया, अजमेर, जयपुर, इन्दौर।