किसी दशा को स्थायी रूप से हटाने के लिए, हमें सबसे पहले उसके मानसिक कारण को खत्म करना होगा पर अक्सर हम चूँकि यही नहीं जानते कि कारण क्या है, तो उसका निवारण कैसे होगा और हम कहाँ से शुरू करें? तो फिर यदि आप यह कह रहे हैं, ‘‘काश मुझे पता होता इस दर्द का कारण क्या है?’’ तो यह पुस्तिका आपको कारण ढूंढने का रास्ता बताएगी और आपको नए वैचारिक पैटर्न बनाने में मदद करेगी, जो आपके शरीर और मन को स्वस्थ बनाएगी। हम यह जान गए हैं कि हमारे शरीर में किसी भी दशा के लिए, उसकी एक आवश्यकता होती है। अन्यथा, हमारे अंदर वह समस्या न पैदा होगी। रोग के लक्षण उसका एक बाहरी प्रभाव है। हमें अपने अंदर जाकर उसके मानसिक कारण को खत्म करना होगा। यही वजह है कि इसमें इच्छा—शक्ति और संयम या अनुशासन काम नहीं आएंगे। वे केवल उसके बाहरी असर से लड़ते हैं। यह उसी प्रकार से जैसे हम कहीं से खेत में से झाड़—झंखाड़ को ऊपर से काटकर फेंक देते हैं, पर उसकी जड़ तक नहीं जाते या उसे जड़ से नहीं उखाड़ फेंकते अत: नए वैचारिक पैटर्न पर जाने से पहले हमें उसकी आवश्यकता को हटाना चाहिए, जैसे सिगरेट पीने की इच्छा से मुक्ति या सरदर्द से छुटकारा पाना या बढ़े व़जन को घटाना आदि। जब उसकी आवश्यकता ही नहीं रहेगी तब उसका बाहरी प्रभाव भी स्वत: खत्म हो जाएगा। कोई भी पौधा जीवित नहीं रह सकता, यदि उसको जड़ से ही काट दिया जाए। हमारे शरीर के अंदर रोगकारक वैचारिक पैटर्न हैं—आलोचना, क्रोध, आक्रोश या अपराध बोध। उदाहरण के तौर पर यदि हम बहुत समय तक किसी प्रकार की आलोचना में लिप्त रहते हैं, तो यह गठिया जैसे रोग को जन्म दे सकता है। क्रोध से हमारे शरीर में फोड़े—फुसियां हो सकती हैं या हम जल सकते हैं या हमारे शरीर में कोई संक्रमण हो सकता है। यदि कोई आक्रोश हम अपने अंदर काफी समय से दबाए रखें, तो वह हम को अंदर ही अंदर खाता रहता है, जिससे कि हमें ट्यूमर या कैंसर तक हो सकता है। कोई अपराध हुआ है, तो उसे सजा की तलाश रहती है और उससे शरीर में कहीं—न—कहीं दर्द उठ सकता है। हमारे लिए यह बहुत आसान है कि हम स्वस्थ हैं तो अपने अंदर से आसानी से नकारत्मक विचारों को निकाल कर फेंक सकते हैं,बजाय कि जब हम घबरायी हुई स्थिति में हैं या सर्जन का चाकू हमारी प्रतीक्षा कर रहा है। मेरे तमाम सालों के अध्ययन, जो अपने क्लाइंट्स के साथ काम करने से और लेक्चरों तथा वर्कशाप के दौरान मैंने मानसिक समीकरणों की एक सूची बनाई है वह इस पुस्तक में दी गई है। यह आपके शरीर के अंदर पैदा हुई बीमारियों का मानसिक पर्याय दिखाती है और एक गाइड या तुरंत संदर्भ के तौर पर इस्तेमाल की जा सकती है। मैं सप्रेम और सदिच्छा से यह सामान्य तरीका आप लोगों के सामने पेश कर रही हूँ।