जो लोग खेल रहे हैं जुआ।
वे अपने लिये बना रहे हैं नरक का कुआँ।।
यदि तोड़नी है अशुभ कर्मों की डोरी।
तो जीवन में कभी मत करो चोरी।।
जीवों के हैं मनुष्य जैसे लक्षण।
हमें जीवों का करना चाहिए रक्षण।।
नहीं करना चाहिए मांस भक्षण।
यही है मानव के सुलक्षण।।
मदिरा पान करने से बिगड़ती है शान।
इससे घर बन जाता है शमशान।।
इसलिए हमें नहीं करना चाहिए मदिरापान।
बल्कि करना चाहिए पौष्टिक भोजन—पान।।
यदि शीन को बचाना है होने से क्षरण।
तो जीवन में कभी मत करो परस्त्रीगमन—वेश्यागमन।।
जीव जन्तुओं का किया जा रहा है शिकार।
यह नहीं है मानव जीवन का मौलिक अधिकार।।