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आर्यिका श्री चंदनामती माताजी का अर्घ्य!
April 3, 2018
विशिष्ट व्यक्तित्व
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आर्यिका श्री चंदनामती माताजी का अर्घ्य
कभी ये माता पूजन रचती है,
कभी विधान रचती है,
कभी भजन रचती है,
तो कभी आरती लिखती है,
भक्ति में प्रभु के वह,
मीठे स्वर में गाती है |
कभी ये अध्ययन कराती हैं,
कभी श्रावक संस्कार कराती हैं,
कभी पंचकल्याणक कराती हैं,
तो कभी संबोधन देती हैं,
आगम के आलोक में वह मार्गदर्शन करती हैं |
कभी ये ग्रंथ लिखती है, कभी अनुवादित करती है,
कभी ग्रंथ पढ़ती है, तो कभी ग्रंथ पढ़ाती है|
ज्ञानमती जी की यह शिष्या, चंदनामती जी इनका नाम,
प्रज्ञाश्रमणी पद सार्थ किया, इनको करो नित प्रणाम,
200 ग्रंथों को रचने वाली, है ये विद्वान महान,
आर्यिकारत्न पद से विभूषित, इनको बारंबार प्रणाम |
ॐ ह्रीं प्रज्ञाश्रमणी, आर्यिकारत्न, आर्यिका श्री चंदनामती मात्रे अनर्घ्यपदप्राप्तये अर्घ्यम निर्वपामीति स्वाहा
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Chandnamati mata ji
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