नाम एवं पता | श्री 1008 चन्द्रप्रभु दिगम्बर जैन बावन जिनालय अतिशय क्षेत्र तह.-ग्राम- भिलोड़ा, जिला- साबरकांठा (गुजरात), पिन कोड 383245 |
टेलीफोन | 02771-234731 |
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ |
आवास : कमरे (अटैच बाथरूम ) – x, कमरे (बिना बाथरूम) – 10, हाल – 1, गेस्ट हाऊस 02, शासकीय यात्री ठहराने की कुल क्षमता 150 भोजनशाला : सशुल्क अनुरोध पर, विद्यालय : नहीं, औषधालय : नहीं, पुस्तकालय : नहीं |
आवागमन के साधन | रेल्वे स्टेशन : अहमदाबाद 125.कि.मी., हिम्मत नगर 50 कि.मी. बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग : भिलोड़ा दूरी – ०कि.मी. पहुँचने क्षेत्र पर वाहन सुविधा उपलब्ध है। |
निकटतम प्रमुख नगर | अहमदाबाद 125 कि.मी., हिम्मतनगर 50 कि.मी., इडर 30 कि.मी. |
प्रबन्ध व्यवस्था | संस्था : श्री चन्द्रप्रभु दि . जैन बावन जिनालय अतिशय क्षेत्र ट्रस्ट, भिलोड़ा
अध्यक्ष : श्री शाह कान्तिलाल सांकलचन्द्र (02771-232358) 09426750011 मंत्री : श्री शाह नरेशकुमार अमृतलाल (02771-234563) 09427061921 प्रबन्धक : श्री गांधी बाबुलाल पानाचन्द ( 094276-97667 ) |
क्षेत्र का महत्व |
क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : एक बावन जिनालय एवं कीर्ति स्तम्भ 58 फीट उत्तुंग क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : उत्तर गुजरात में भिलोड़ा एक महत्वपूर्ण तीर्थ क्षेत्र है। इस क्षेत्र में 52 जिनालय हैं। यह हाथमती नदी के तट पर बसा है। मूलनायक भगवान चन्द्रप्रभ के अतिरिक्त 110 नयनाभिरामी चतुर्थ कालीन भव्य प्रतिमाएँ हैं। यहां तीन मंजिला भव्यातिभव्य कीर्ति स्तंभ 58 फीट उत्तुंग है। 12वीं सदी में निर्मित जिनालय अलौकिक है। संगमरमर के 111 जिनबिम्ब हैं, जो 12वीं, 16वीं एवं 19वीं सदी के हैं। भरतस्वामी एवं बाहुबली स्वामी के खडगासन बिम्ब त्याग तपस्या को प्रतिबिम्बित करते हैं एवं मिश्र धातु के 45 जिन बिम्ब भी अपनी परंपरा को संजोये हुए हैं। |
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र | श्री चिंतामणी पार्श्वनाथ अतिशय क्षेत्र, चिंतामणी, किशनगढ़ – 11 कि.मी., श्री नेमीनाथ दि. जैन अतिशय क्षेत्र, क्षेत्रपाल, तह- विजय नगर 30कि.मी., श्री तारंगाजी सिद्धक्षेत्र, तारंगाजी, तह. – विसनगर- 80.कि.मी., ईडर-30 कि.मी. |