नाम एवं पता | श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र शत्रुञ्जयजी ग्राम एवं तहसील – पालीताणा, जिला- भावनगर (गुजरात) पिन – 364270 |
टेलीफोन | 02848252547, 094089 66847 |
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ |
आवास : कमरे (अटैच बाथरूम ) – x , कमरे (बिना बाथरूम) 40, हाल 1 (यात्री क्षमता – 30 ), यात्री ठहराने की कुल क्षमता 150., गेस्ट हाउस – x अन्य : रेल्वे स्टेशन से दि. जैन धर्मशाला लगभग 1.5 कि.मी. है। पालीताणा नगर के भैरवपुरा स्थान में दि. जैन धर्मशाला है। भोजनशाला : श्वेताम्बर समाज की है, नियमित, सशुल्क, औषधालय : है, ऐलोपेथिक विद्यालय : x, पुस्तकालय : x |
आवागमन के साधन | रेल्वे स्टेशन : भावनगर – 40 कि.मी., पालीताणा रेल्वे स्टेशन से शत्रुञ्जय पर्वत-5 कि.मी.
बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग : भावनगर – 55 कि.मी., दि. जैन धर्मशाला से 100 मीटर की दूरी पर बस स्टेण्ड भावनगर से बस द्वारा |
निकटतम प्रमुख नगर | भावनगर 55 कि.मी., सोनगढ़ – 24 कि.मी. |
प्रबन्ध व्यवस्था | संस्था : श्री पालीताणा दशा हूमड़ दिगम्बर जैन मन्दिर ट्रस्ट
अध्यक्ष : श्री कुमार भाई शाह (0278-2569313, 09426205163) मंत्री : श्री मुकुन्द भाई शाह (0278-2510015) प्रबन्धक : श्री शेठ जयंत बा. (02848-252547)
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क्षेत्र का महत्व |
क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 02, क्षेत्र पर पहाड़ : है (श्री शत्रुञ्जय पर्वत का ही नाम हैं) ऐतिहासिकता : यह निर्वाण क्षेत्र है। यहाँ से युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन तथा द्रविड़ राजा आदि आठ कोड़ि मुनि मोक्ष गये हैं। भट्टारक ज्ञान सागरजी ने अपने वर्णन में लिखा है कि ऋषभदेव भगवान यहाँ पर 22 बार पधारें। शहर के मध्य मांडवी चौक के दि. जैन मंदिर में सभा मण्डप अत्यन्त सुन्दर है। पालीताणा के महाराजा ने पर्वत पर दि. जैन मंदिर बनाने हेतु भूमि दी । पर्वत की चढ़ाई लगभग 4 कि.मी. है। पत्थर की सड़क निर्मित है एवं 2500 सीढ़ियाँ है । पांडव तीन द्रविड़ राजान, आठ कोड़ि मुनि मुक्ति पयान । श्री शंत्रुजयगिरि के सीस, भाव सहित बंदों निश दीस ॥ |
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र | घोघा- 60 कि.मी., गिरनार 170 कि.मी., पावागढ़ – 306 कि.मी., जूनागढ़ – 210 कि.मी. तारंगाजी – 325 कि.मी., सोनगढ़ – 22 कि.मी., अहमदाबाद- 205 कि.मी |