Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
Search
विशेष आलेख
पूजायें
जैन तीर्थ
अयोध्या
गिरनार सिद्धक्षेत्र तीर्थ की आरती!
October 11, 2020
आरती
jambudweep
गिरनार सिद्धक्षेत्र तीर्थ की आरती
तर्ज—आओ बच्चों………….
चलो सभी मिल करें आरती, सिद्धक्षेत्र गिरनार की।
नेमिप्रभु के तीन कल्याणक से पावन शुभ धाम की।।
जय गिरनार गिरी, बोलो जय गिरनार गिरी ।।टेक.।।
जूनागढ़ में नेमिनाथ राजुल को ब्याहन आए थे, पशुओं की चीत्कार सुनी जब,
मन ही मन अकुलाए थे, चले विरक्तमना होकर प्रभु, राह गही शिवधाम की।
नेमिनाथ……………।।जय-जय.।।१।।
राजुल भी पति की अनुगामिनि, बन नेमी की शरण गई, दीक्षा ले प्रभु पादकमल में,
तपश्चरण में लीन हुई, समवसरण में गणिनी बन, हुईं पावन पूज्य महान थीं।
नेमिनाथ……………।।जय-जय.।।२।।
टोंक पांचवीं इस पर्वत की, प्रभु को जहाँ निर्वाण हुआ, इसी तीर्थ गिरनार से कितने,
मुनियों ने भी मोक्ष लहा, कर उत्कीर्ण चरण सुरपति ने, गाया जय-जयगान भी।
नेमिनाथ……………।।जय-जय.।।३।।
इस पर्वत का वन्दन करने, कुंदकुंददेव गुरु आए थे, बोल पड़ी पाषाण अम्बिका,
चमत्कार दरशाए थे, हुई जीत निर्ग्रन्थ धर्म की, ऐसी महिमावान थी।
नेमिनाथ……………।।जय-जय.।।४।।
जिन संस्कृति की अमिट धरोहर, पावन पूज्य तीर्थ अपना, वर्तमान में हर जैनी की,
श्रद्धा का शुभ केन्द्र बना, मुक्तिधाम की आश लिए, चंदना जजूं गिरिराज जी।
नेमिनाथ……………।।जय-जय.।।५।।
Tags:
Aarti
Previous post
गणिनी ज्ञानमती माताजी की आरती-2
Next post
गणिनी ज्ञानमती माताजी की आरती-1
Related Articles
विमलनाथ की आरती!
June 11, 2020
jambudweep
राजगृही तीर्थ की आरती!
June 10, 2020
jambudweep
नवदेवता विधान आरती!
June 10, 2020
jambudweep