Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
Search
विशेष आलेख
पूजायें
जैन तीर्थ
अयोध्या
गणिनी ज्ञानमती माताजी की आरती-5
October 11, 2020
आरती
jambudweep
श्री ज्ञानमती माताजी की आरती
तर्ज—बहारो फूल बरसाओ………..
जलाकर दीप खुशियों के, हम आरति करने आए हैं।
हम……
तेरी इस ज्ञान सरिता से, सुधारस भरने आए हैं।। सुधा….।।टेक.।।
पिता-माता की ममता तज, जगत का प्यार पाया है।
गुरु श्री वीरसागर से, ज्ञानमती नाम पाया है।।
तेरी उस ज्ञानमय प्रतिभा, का दर्शन करने आए हैं।
हाँ दर्शन…………..जलाकर दीप…………..।।१।।
सुना है तेरे तप में भी, विशल्या जैसी शक्ती है।
तेरे पूजा विधानों ने, दिखा दी तेरी भक्ति है।।
उसी तप शक्ति, भक्ती का, हाँ दर्शन करने आए हैं।
हाँ दर्शन…………..जलाकर दीप…………..।।२।।
मेरी इस काव्यमय लघु आरती, में शब्दों का घृत है।
भाव हैं चंदनामति ये, मिले श्रुतज्ञान अमृत है।।
इसी विश्वास में हे माँ, तेरे पे हम आए हैं।
तेरे दर पे…………..जलाकर दीप…………..।।३।।
Tags:
Aarti
,
Gyanmati Mataji's Aarti
Previous post
गणिनी ज्ञानमती माताजी की आरती-6
Next post
गणधरवलय विधान की आरती!
Related Articles
गणिनी ज्ञानमती माताजी की आरती-1
October 11, 2020
jambudweep
सम्मेदशिखर सिद्धक्षेत्र की आरती!
June 11, 2020
jambudweep
सहस्रकूट जीनबिम्ब की आरती!
June 11, 2020
jambudweep