जन्म | आपका जन्म ज्येष्ठ शुक्ला पंचमी (श्रुतपंचमी) को सन् १९५० में हुआ। |
जन्म स्थान | टिकैतनगर (बाराबंकी) उ.प्र. |
माता-पिता | माता मोहिनी देवी (आर्यिका श्री रत्नमती माताजी हुई) एवं पिता श्री छोटेलाल जैन |
जन्म नाम | रवीन्द्र कुमार जैन |
शिक्षा | लखनऊ युनिवर्सिटी से बी.ए. तक अध्ययन |
बहनें |
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भाई |
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त्याग की प्रेरणा | सन् १९६८ में पूज्य गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा २ वर्ष का ब्रह्मचर्य व्रत |
आजन्म ब्रह्मचर्य व्रत | सन् १९७२ में आचार्य श्री धर्मसागर जी महाराज द्वारा, नागौर (राज.) में |
सप्तम प्रतिमा के व्रत एवं गृह त्याग | सन् १९८७ में पूज्य गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा |
दशम प्रतिमा एवं पीठाधीश पदारोहण के संस्कार | मगसिर कृष्णा दशमी, २० नवम्बर २०११, पूज्य गणिनीप्रमुख आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा |
उपाधि अलंकरण |
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विदेश यात्रा |
भगवान ऋषभदेव अंतर्राष्ट्रीय निर्वाण महामहोत्सव वर्ष के अन्तर्गत सन् २००० में न्यूयार्क-अमेरिका में आयोजित ‘विश्वशांति शिखर सम्मेलन’ में जैन धर्माचार्य के रूप में विशेष सहभागिता |
साहित्यिक अवदान |
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विशेष सौभाग्य |
आपको पूज्य गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी जैसी जैन समाज की सर्वोच्च साध्वी के लघु भ्राता होने का सौभाग्य प्राप्त है। साथ ही आपकी अन्य दो बहनें भी उपरोक्तानुसार आर्यिका व्रतों का अनुपालन करते हुए आत्मकल्याण एवं धर्मप्रभावना के कार्य कर रही हैं। इसके साथ ही सबसे महान सौभाग्य यह है कि आपकी जन्म प्रदात्री माँ ने भी तेरह संतानों का लालन-पालन करने के उपरांत स्वयं आर्यिका दीक्षा धारण की और अपने मानव जीवन को सफल किया, ऐसी पूज्य महान आत्माओं के साथ आपका गृहस्थ संबंध होना अत्यन्त विशेष सौभाग्य एवं पुण्य का विषय है। |
विभिन्न नेतृत्व |
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