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भक्तामर मण्डल विधान की आरती!
June 10, 2020
जिनेन्द्र भक्ति
jambudweep
भक्तामर मण्डल विधान की आरती
भक्तामर मण्डल विधान की, आरति करलो आज।
आदि प्रभो के दर्शन से ही, बनते सारे काज।।
ओ जिनवर हम सब उतारें तेरी आरती……..।।टेक.।।
कृतयुग के हे प्रथम जिनेश्वर, जग के तुम निर्माता।
अषि, मषि आदिक क्रिया बताकर, बन गये आदि विधाता।।
ओ जिनवर हम सब उतारें तेरी आरती……..।।१।।
कोड़ाकोड़ी वर्ष बाद भी, तुम्हें सभी ध्याते हैं।
मन वच तन से पूजा करके, इच्छित फल पाते हैं।।
ओ जिनवर हम सब उतारें तेरी आरती……..।।२।।
एक समय श्रीमानतुंग, मुनि पर उपसर्ग था आया।
तुम भक्ती से ताले टूटे, कैसी तेरी माया।।
ओ जिनवर हम सब उतारें तेरी आरती……..।।३।।
भोजराज ने यह अतिशय लख, मुनि को शीश नमाया।
मुनिवर ने भक्तामर का, संक्षिप्त सार बतलाया।।
ओ जिनवर हम सब उतारें तेरी आरती……..।।४।।
वीतराग प्रभु का आराधन, क्रम से मुक्ति दिलाता।
जग में भी ‘चंदनामती’, वह सर्व सौख्य दिलवाता।।
ओ जिनवर हम सब उतारें तेरी आरती……..।।५।।
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