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भगवान सुमतिनाथ की शासनदेवी पुरुषदत्ता माता की आरती

March 2, 2023आरतीIndu Jain

भगवान सुमतिनाथ की शासनदेवी पुरुषदत्ता माता की आरती

तर्ज – मिलो न तुम तो ……………………………….

मात पुरुषदत्ता को ध्याएं , जगमग दीप जलाएं , हृदय में ज्योति जगायें || टेक ० ||

सुमतिनाथ के शासन की , यक्षिणी कहातीं माता प्यारी हैं || हो …………………

जिसने है ध्याया उसके , जीवन में फ़ैली उजियारी है || हो …………………………

इसी हेतु तव भक्ति रचायें , श्रद्धा सुमन चढाएँ ,हृदय में ज्योति जगाएं || मात ० ||

जिनधर्मवत्सल माता , रक्षण सदा भक्तों का करती हो || हो ………………………

धन , सुत व सम्पति देकर , झोली सदा तुम सबकी भरती हो ||हो …………………

मनोकामना पूरण होती , जो जिनवर गुण गायें , हृदय में ज्योति जगाएं ||मात ० ||

मनभावनी हे माता , अर्चा तुम्हारी सुखकारी है ||हो ……………………………

रूप है मनोहर महिमा, तेरी जगत में निराली है || हो …………………………

” इंदू ” बस जिनधर्म न छूटे , मुक्ती तक इसे पायें , हृदय में ज्योति जगाएं || मात ० ||

Tags: Aarti
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