Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
  • विशेष आलेख
  • पूजायें
  • जैन तीर्थ
  • अयोध्या

श्री अजित जिन स्तोत्र

September 27, 2022जिनेन्द्र भक्तिjambudweep

श्री अजित जिन स्तोत्र


(छंद सहित)

प्रीति छन्द:-(५ अक्षरी)

कर्मजित्योऽभूत्, सोऽजित: ख्यात:।
तीर्थकृन्नाथ:, तं नुवे भक्त्या।।१।।

सती छन्द:-(५ अक्षरी)
पुरी विनीता, भुवि प्रसिद्धा।
त्रिलोक-पूज्या, सुरेन्द्रवंद्या।।२।।

मन्दा छन्द:-(५ अक्षरी)
माता विजया, धन्या भुवने।
देवैर्महितं, पुत्रं जनिता।।३।।

तनुमध्या छन्द:-(६ अक्षरी)
इक्ष्वाकुकुलस्य, सूर्यो गजचिन्ह:।
स्वर्णाभतनु: स:, मां रक्षतु पापात्।।४।।

शशिवदना छन्द:-(६ अक्षरी)
खयुगदिशैक:, करतनुतुंग:।
भुवि जितशत्रु:, तव जनक: स्यात्।।५।।

सावित्री छन्द:-(६ अक्षरी)
द्वासप्तत्या लक्ष-पूर्वाण्यायु: प्राप्त:।
ज्ञानानंदापूर्ण:, पायात् मे संसारात्।।६।।

अनुष्टुप् छन्द:-

ज्येष्ठेऽमावस्या शुभदा, दशमी माघ-शुक्लके।
तन्मासे नवमी, पुण्यै-कादशी पौषशुक्लके।।७।।
पंचमी चैत्रशुक्ला च, पंचकल्याणकै: क्रमात्।
तिथयोऽजितनाथस्य, ता मे दद्यु: परां गतिं।।८।।

मालिनी छन्द:-

नुद नुद भवदु:खं, रोगशोकादिजातं।
कुरु कुरु शिवसौख्यं, वीतबाधं विशालं।।
तनु तनु मम पूर्ण-ज्ञानसाम्राज्यलक्ष्मीं।
भव भव सुखसिद्ध्यै, ज्ञानमत्यै जिनेश!।।९।।

Tags: Stotra
Previous post श्री अजितनाथ स्तुति Next post श्री अभिनंदननाथ स्तुति:

Related Articles

सोलहकारण वन्दना नं.२!

July 25, 2014jambudweep

त्रैलोक्य वंदना!

May 23, 2015jambudweep

नंदीश्वर स्तोत्र!

October 10, 2013jambudweep
Privacy Policy