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अथ श्री चक्रेश्वरी देवी अष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम्
June 5, 2020
स्तोत्र
jambudweep
अथ श्री चक्रेश्वरीदेवी अष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम्
नमः श्री नाभिनन्दाय मोक्षलक्ष्मीनिवासिने।
गोमुखाऽप्रतिचक्राय भुक्तिमुक्तिप्रदायिने
।।१।।
जय जय जिनयक्षि सर्व लोकैक रक्षि।
जय जय जगदम्बे शुद्ध पूर्णेन्दु बिम्बे।।
हर हर मम पापं देहि बुद्धि प्रदीपं।
भव भय हरणं मे पाहि मां देवि चक्रे
।।२।।
चक्रेश्वरी
चक्रायुधा चक्रिणी चक्रधारिणी।
चक्रपराक्रमादेवी चन्द्रकान्ता च चन्द्रिका
।।३।।
चतुराश्रमवासिनी चन्द्रानना चतुर्मुखा।
चैत्यमंगला च -भक्ता त्रिनेत्रा त्वं च त्र्यम्बिका
।।४।।
तपस्विनी तपोनिष्ठा त्रिपुरा त्रिपुरसुन्दरी।
धर्मपाला धर्मरूपा वसुन्धरा शक्रपूजिता
।।५।।
गंभीरा वासवा त्वं च लोकेश्वरी लोकार्चिता।
पवित्रा पावना भक्तवत्सला भव्यरक्षिणी
।।६।।
महीधरा पात्रदात्री मंगला मांगल्यप्रदा।
जगन्माया जगत्पाला सोमाभा महीशार्चिता
।।७।।
वज्रांगा गोमुखांगा च हेमाभा गोमुखप्रिया।
वज्रायुधा वज्ररूपा कामिनी कामरूपिणी
।।८।।
शीलवती शीलभूषा शीलदा कामितप्रदा।
शरणरक्षी शरण्या सुज्ञाना च सरस्वती
।।९।।
वरदात्री जिनभक्ता जिनयक्षी प्रशंकरी।
त्रिलोकपूज्या शुद्धा च, सुप्रसिद्धा सुशर्मदा
।।१०।।
त्रिलोकरक्षिणी-ज्ञाना भीतिहत्री सुसौरभा।
भीमा च भारती माता भुजंगी भूतरक्षिणी
।।११।।
मंगलमूर्ति मंगला भद्रा त्रिलोकवन्दिता।
लीलावती ललामाभा भद्ररूपा च भद्रदा।
।१२।।
ॐकारौंकारभक्ता च ह्यलका क्षेमदायिनी।
अलंघ्या चेतनादेवी सुगन्धा गन्धशालिनी
।।१३।।
नृसुरार्चिता करुणा पद्मप्रभाऽर्थदायिनी।
रोगनाशा शिष्टपाला क्षेमभूषा क्षेमंकरा
।।१४।।
इष्टदाऽनिष्टहर्त्री च जगन्माता जगन्नुता।
श्रीकान्ता चापि श्री देवी कल्याणी मंगलाकृतिः
।।१५।।
त्रिज्ञानधारिणी देवी पद्माक्षी सर्वरक्षिणी।
लोकपाला लोकमाता नमः सर्वसुवन्दिता
।।१६।।
ॐ ह्रीं फट्कार मंत्रैश्च ऋद्धिवश्याधिकारिणी।
त्राहि त्राहि पुनस्त्राहि भोस्त्राहिमां चक्रेश्वरि
।।१७।।
नामाष्टशतकं स्तोत्रं सर्वविघ्नविनाशकम् ।
त्रिसन्ध्यं पठते नित्यं कल्याणं विजयो भवेत्
।।१८।।
इति
चक्रेश्वरी
देवी अष्टोत्तरशतनामस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।।
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