
| जन्म भूमि | चंपापुर (जि.-भागलपुर) बिहार | प्रथम आहार | महानगर के राजा सुंदर द्वारा (खीर) |
| पिता | महाराजा वसुपूज्य | केवलज्ञान | माघ शु.२ |
| माता | महारानी जयावती | मोक्ष | भाद्रपद शु.१४ |
| वर्ण | क्षत्रिय | मोक्षस्थल | चंपापुर (मंदारगिरि) |
| वंश | इक्ष्वाकु | समवसरण में गणधर | श्री धर्म आदि ६६ |
| देहवर्ण | पद्मरागमणि सदृश | मुनि | बहत्तर हजार (७२०००) |
| चिन्ह | भैंसा | गणिनी | आर्यिका सेनार्या |
| आयु | बहत्तर लाख (७२) वर्ष | आर्यिका | एक लाख छह हजार (१०६०००) |
| अवगाहना | दो सौ अस्सी (२८०) हाथ | श्रावक | दो लाख (२०००००) |
| गर्भ | आषाढ़ कृ.६ | श्राविका | चार लाख (४०००००) |
| जन्म | फाल्गुन कृ. १४ | जिनशासन यक्ष | षण्मुख देव |
| तप | फाल्गुन कृ.१४ | यक्षी | गांधारी देवी |
| दीक्षा -केवलज्ञान वन एवं वृक्ष | मनोहर उद्यान एवं कदंब वृक्ष |
