तीर्थंकर भगवान विमलनाथ (संक्षिप्त वर्णन)
१३ वें तीर्थकर ” काम्पिल्य नगर के राजा कृतवर्मा रानी जयश्यामा के पुत्र ” इनकी आयु ६० लाख वर्ष, शरीर ६० धनुष ऊँचा (२४० हाथ ). वर्ण तप्त स्वर्ण के समान कांतिमान था ” मेष विघटन देखकर वैराग्य को प्राप्त हुए “
१३ वें तीर्थकर ” काम्पिल्य नगर के राजा कृतवर्मा रानी जयश्यामा के पुत्र ” इनकी आयु ६० लाख वर्ष, शरीर ६० धनुष ऊँचा (२४० हाथ ). वर्ण तप्त स्वर्ण के समान कांतिमान था ” मेष विघटन देखकर वैराग्य को प्राप्त हुए “
तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य बारहवें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य का जीवन दर्शन (Life-sketch of Twelfth Teerthankar Bhagwan Vasupoojya) जन्म भूमि चंपापुर (जि.-भागलपुर) बिहार प्रथम आहार महानगर के राजा सुंदर द्वारा (खीर) पिता महाराजा वसुपूज्य केवलज्ञान माघ शु.२ माता महारानी जयावती मोक्ष भाद्रपद शु.१४ वर्ण क्षत्रिय मोक्षस्थल चंपापुर (मंदारगिरि) वंश इक्ष्वाकु समवसरण में गणधर श्री धर्म आदि…
तीर्थंकर भगवान पुष्पदंतनाथ नवमें तीर्थंकर भगवान पुष्पदंतनाथ का जीवन दर्शन (Life-sketch of Ninth Teerthankar Bhagwan Pushpdantnath) जन्म भूमि काकन्दी (उत्तर प्रदेश) प्रथम आहार शैलपुर के राजा पुष्पमित्र द्वारा (खीर) पिता महाराजा सुग्रीव केवलज्ञान कार्तिक शु.२ माता महारानी जयरामा मोक्ष भाद्रपद शु.८ वर्ण क्षत्रिय मोक्षस्थल सम्मेद शिखर पर्वत वंश इक्ष्वाकु समवसरण में गणधर श्री विदर्भ आदि…
तीर्थंकर भगवान सुपार्श्वनाथ सातवें तीर्थंकर भगवान सुपार्श्वनाथ का जीवन दर्शन (Life-sketch of Seventh Teerthankar Bhagwan Suparshvanath) जन्म भूमि वाराणसी (उत्तर प्रदेश) प्रथम आहार सोमखेट नगर के राजा महेन्द्रदत्त द्वारा (खीर) पिता महाराजा सुप्रतिष्ठ केवलज्ञान फाल्गुन कृ.६ माता महारानी पृथ्वीषेणा मोक्ष फाल्गुन कृ.७ वर्ण क्षत्रिय मोक्षस्थल सम्मेद शिखर पर्वत वंश इक्ष्वाकु समवसरण में गणधर श्रीबल…
पांचवें तीर्थंकर भगवान सुमतिनाथ पाँचवें तीर्थंकर भगवान सुमतिनाथ का जीवन दर्शन (Life-sketch of Fifth Teerthankar Bhagwan Sumatinath) जन्म भूमि अयोध्या (उत्तर प्रदेश) प्रथम आहार सौमनस नगर के राजा पद्म द्वारा (खीर) पिता महाराज मेघरथ केवलज्ञान चैत्र शु.११ माता महारानी सुमंगला देवी मोक्ष चैत्र शु.११ वर्ण क्षत्रिय मोक्षस्थल सम्मेद शिखर पर्वत वंश इक्ष्वाकु समवसरण में…
तीर्थंकर भगवान अभिनंदननाथ चौथे तीर्थंकर भगवान अभिनंदननाथ का जीवन दर्शन (Life-sketch of Fourth Teerthankar Bhagwan Abhinandannath) जन्म भूमि अयोध्या (उत्तर प्रदेश) प्रथम आहार साकेत नगरी के राजा इन्द्रदत्त द्वारा (खीर) पिता महाराज स्वयंवरराज केवलज्ञान पौष शु. १४ माता महारानी सिद्धार्था मोक्ष वैशाख शु.६ वर्ण क्षत्रिय मोक्षस्थल सम्मेद शिखर पर्वत वंश इक्ष्वाकु समवसरण में गणधर…
श्री अजितनाथ भगवान वर्तमान चौबीसी के द्वितीय तीर्थंकर हैं | भगवान ने गर्भ-जन्म-तप और केवलज्ञान अयोध्या एवं मोक्ष सम्मेदशिखर से प्राप्त किया |
अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर एवं दीपावली पर्व जैनधर्म के अन्तिम चौबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म २६१८ वर्ष पूर्व बिहार प्रान्त के ‘‘कुण्डलपुर’’ नगरी के राजा सिद्धार्थ की महारानी त्रिशला की पवित्र कुक्षि से चैत्र शुक्ला त्रयोदशी तिथि में हुआ । वीर, महावीर, सन्मति, वर्धमान और अतिवीर इन पांच नाम से विख्यात तीर्थंकर…
२४ तीर्थंकर भगवानों के वैराग्य प्रसंग -आर्यिका १०५ ज्ञेयश्री माताजी १) श्री ऋषभनाथ जी – नीलांजना की मृत्यु। २) श्री अजितनाथ जी – बिजली चमकने से। ३) श्री सम्भवनाथ जी – मेघ देखने से। ४) श्री अभिनन्दन नाथ जी – मेघों का विघटन। ५) श्री सुमतिनाथ जी – जाति स्मरण। ६) श्री पदमप्रभु नाथ जी…
आदिनाथ भगवान के पूर्व भव हे नाथ! आप ‘महाबल’-अतुल्यबल के धारक हैं अथवा इस भव से पूर्व दशवें भव में महाबल विद्याधर थे इसलिए आपको नमस्कार हो। आप ‘ललितांग’ हैं-सुन्दर शरीर को धारण करने वाले हैं अथवा नवमें भव पूर्व ऐशान स्वर्ग में ललितांग देव थे, इसलिए आपको नमस्कार हो। आप धर्मरूपी तीर्थ को प्रवर्ताने…