परमपूज्य गणिनी ज्ञानमती माताजी द्वारा ब्र. रवीन्द्र जी को जम्बूद्वीप संस्थान के कुशल संचालन के लिए पीठाधीश पद पर आसीन किया। इस गरिमापूर्वक पद पर पीठासीन होने पर समस्त जैन समाज बहुत ही हर्षित है। कृपया राजस्थान जैन सभा की कार्यकारिणी तथा मेरी ओर से स्वामी जी प्रणाम स्वीकार करें।
कर्मयोगी ब्र.रवीन्द्र कुमार जी एक परमहंस आत्मा हैं, एक शिल्पी हैं, व्यवस्था कौशल के धनी हैं, जो केवल स्वप्न देखते ही नहीं अपितु उसे साकार करना जानते हैं। वे सभी कार्यकर्ताओं, विद्वानों के प्रेरणास्रोत रहे हैं और रहेंगे। उन्होंने पुल बनकर सदैव जोड़ने का कार्य किया है, कभी किसी के बीच खाई नहीं बने। विपरीतों के प्रति भी माध्यस्थ भाव रखा, यह प्रेरणा व शिक्षा उन्हें पूज्य माताजी से प्राप्त हुई। उन्होंने तीर्थंकरों की जन्मभूमियों को नया स्वरूप-नया आयाम दिया और वे एक कुशल चितेरे बने। मुझे विश्वास है कि वे मांगीतुंगी में भगवान ऋषभदेव की १०८ फुट की मूर्ति का निर्माण करवाकर ऐसा कीर्तिमान निर्मित करेंगे, जिसे पूरा विश्व युगों-युगों तक स्मरण करेगा। भाई रवीन्द्र जी को शुभकामना एवं स्वामी श्री रवीन्द्रकीर्ति जी को वंदना के साथ मेरा प्रणाम एवं उनके पीठाधीश मनोनयन पर उन्हें बहुत-बहुत बधाई।
धर्मपीठ के नूतन पीठाधीश स्वस्तिश्री कर्मयोगी रवीन्द्रकीर्ति स्वामी जी आप गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के संघस्थ कर्मयोगी ब्र.रवीन्द्र भाई जी क्षेत्र के अध्यक्ष हैं, आपकी देव-शास्त्र-गुरु के प्रति अनन्य आस्था प्रशंसनीय है। मधुर स्वभाव, व्यवहार कुशल और समर्पण से धर्माराधना एवं धर्मसाधना के साथ आप श्रेष्ठ पद पर दिनाँक २० नवम्बर २०११ को नूतन पीठाधीश पर आसीन हुए। हम सोशल ग्रुप के सभी सदस्य परिवार एवं सकल दिगम्बर जैन समाज परिवार सूरत वीतराग देव से यही भावना भाते हैं कि धर्म प्रभावना में आगे बढ़ते हुए आपको पूर्ण रत्नत्रय की प्राप्ति होवे।
कुशलोपरान्त नवीन तीर्थ जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर के पीठाधीश पद पर प्रतिष्ठित होने के शुभ प्रसंग पर मेरी और मेरे परिवार की हार्दिक बधाई, प्रणाम और शुभकामनाएँ स्वीकार करें। हम सब पूज्य, अमृत वर्षिणी गणिनीप्रमुख आर्यिकारत्न श्री ज्ञानमती माातजी की दूरदर्शिता, त्वरित निर्णय और कुशल प्रशासनिक क्षमता के प्रति नतमस्तक हैं और हृदय से आभारी हैं कि उन्होंने बिना कोई समय गँवाए एक सर्वजन हितैषी तथा लोक प्रशंसनीय निर्णय लेकर आप जैसे उर्वर मस्तिष्क के स्वामी अध्यात्म रसिक समर्पित, सेवा भावी अनुभवी तथा उदार व्यक्तित्व को जम्बूद्वीप का पीठाधीश्वर नियुक्त किया है। उनके श्री चरणों में हमारा त्रियोगपूर्वक अनेकश: वंदामि निवेदन कहे। प्रज्ञामूर्ति आर्यिका श्री चंदनामती माताजी को वंदामि सभी संघस्थ सभी ब्रह्मचारिणी बहनों को यथायोग्य प्रणाम जय जिनेन्द्र।