जैन धर्म में वर्तमानकाल चौबीस तीर्थंकर हुए हैं, भूतकाल में भी हुए थे और भविष्यकाल में भी चौबीस तीर्थंकर होंगे। सभी
तीर्थंकरों के पाँच कल्याण–गर्भ, जन्म, तप, ज्ञान और मोक्ष होता है। पंच कल्याणकों में तीर्थंकर प्रभु के संपूर्ण जीवन चरित्र का चित्रण किया जाता है। वर्तमान चौबीसी का तिथि विवरण च चिह्न उक्त व अगली सारणी के माध्यम से समझाया गया है।