1)सरस्वत्याः प्रसादेन, काव्यं कुर्वन्तु मानवा:।
तस्मान्निश्चल-भावेन , पूजनीया सरस्वती।।१।।
अर्थ:-श्री सरस्वती के प्रसाद से सभी मनुष्य काव्य को पूर्ण करते हैं, इसलिए वह सरस्वती देवी निश्चलभाव से सदा पूजनीय है।
2)श्री सर्वज्ञ मुखोत्पन्ना, भारती बहुभाषिणी।
अज्ञानतिमिरं हन्ति, विद्या-बहुविकासिनी।।२।।
अर्थ:-जो श्रीसर्वज्ञ वीतराग प्रभु के मुख-कमल से उत्पन्न हुई है, जो अनेक भाषारूप है, यानी जो विविध प्रकार की विद्याओं का विकास करके अज्ञानरूपी अंधकार को नष्ट करने वाली है, ऐसी हे सरस्वती देवी! तुम सदा हम सब की रक्षा करो।
3)सरस्वती मया दृष्टा, दिव्या कमललोचना।
हंसस्कन्ध-समारूढा, वीणा-पुस्तक-धारिणी।।३।।
अर्थ:-जो अनेक विद्याओं की विकास करने वाली है, जिनके नेत्र कमल के समान दिव्य एवं अत्यन्त सुन्दर है, जो हंसपक्षी पर सवार है जो अपने हाथों में वीणा और पुस्तक धारण किये हुए है, ऐसी श्री सरस्वती देवी को मैंने देखा, अर्थात् ऐसी भव्य सरस्वती देवी के दर्शन का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ।
4)प्रथमं भारती नाम, द्वितीयं च सरस्वती।
तृतीयं शारदादेवी, चतुर्थं हंसगामिनी।।४।।
पंचमं विदुषां माता, षष्ठं वागीश्वरी तथा।
कुमारी सप्तमं प्रोक्ता, अष्टमं ब्रह्मचारिणी।।५।।
नवमं च जगन्माता, दशमं ब्राह्मिणी तथा।
एकादशं तु ब्रह्माणी, द्वादशं वरदा भवेत् ।।६।।
वाणी त्रयोदशं नाम, भाषा चैव चतुर्दशम्।
पंचदशं श्रुतदेवी , षोडशं गौर्निगद्यते।।७।।
अर्थ:-सरस्वती का पहला नाम भारती, दूसरा सरस्वती, तीसरा शारदा देवी, चौथा हंसगामिनी, पाँचवां विद्वज्जनों की माता, छट्ठा वागीश्वरी, सातवां कुमारी, आठवां ब्रह्मचारिणी, नवमा जगन्माता, दशवां ब्राह्मिणी, ग्यारहवाँ ब्रह्माणि, बारहवाँ वरदा, तेरहवाँ वाणी, चौदहवाँ भाषा, पन्द्रहवाँ श्रुतदेवी और सोलहवाँ गौ-इस प्रकार श्री सरस्वती देवी के पर्यायवाची नाम है।
8)एतानि श्रुतनामानि, प्रातरुत्थाय यः पठेत् ।
तस्य संतुष्यति माता, शारदा वरदा भवेत् ।।८।।
अर्थ:-उपर्युक्त सरस्वती के पर्यायवाची नामों का जो मनुष्य प्रात: उठकर पाठ करता है, उसके ऊपर सरस्वती माता संतुष्ट होती है और उसके सकल मनोरथों को पूर्ण करती है।
9)सरस्वती ! नमस्तुभ्यं, वरदे ! कामरूपिणी!
विद्यारंभं करिष्यामि, सिद्धिर्भवतु मे सदा।।९।।
अर्थ:-हे सरस्वती देवी! तुम इष्ट को पूर्ण करने के लिए कामरूप हो, अत: तुम्हें हमारा नमस्कार हो! हे देवी! मैं विद्यारंभ करूँगा, इसलिए आप सहायक हो, जिससे कि हमारी सिद्धी सदा होती रहे।