ॐ जय पारस स्वामी, प्रभु जय पारस स्वामी।
वाराणसी में जन्में, त्रिभुवन में नामी।।ॐ जय.।।
अश्वसेन के नंदन, वामा के प्यारे।।माता वामा…….
तेइसवें तीर्थंकर-२, तुम जग से न्यारे।।ॐ जय.।।१।।
वदि वैशाख दुतीया, गर्भकल्याण हुआ।स्वामी…..
पौष कृष्ण एकादशि-२, जन्मकल्याण हुआ।।ॐ जय.।।२।।
जन्मदिवस ही दीक्षा, धारण की तुमने।स्वामी……
बालब्रह्मचारी बन-२, तप कीना वन में।।ॐ जय.।।३।।
कमठासुर ने तुम पर, घोर उपसर्ग किया।स्वामी……
अहिच्छत्र में तुमने-२, पद कैवल्य लिया।।ॐ जय.।।४।।
श्री सम्मेदशिखर पर, मोक्षधाम पाया।स्वामी……
मोक्षकल्याण मनाकर-२, हर मन हरषाया।।ॐ जय.।।५।।
परमसहिष्णु प्रभू की, आरति को आए।स्वामी……
यही ‘‘चंदनामती’’ अरज है-२, तव गुण मिल जाएं।।ॐ जय.।।६।।