४ थी—६ठी श. ई. के मध्य भारत में राज करने वाले गुप्तवंशी शासक मूलत: ब्राह्मण थे किन्तु धार्मिक दृष्टि से सहिष्णु थे। उनके शासन के पूर्व से ही उनके राज्य क्षेत्र में जैनधर्म समुन्नत था फलत: उनके राज्यकाल में भी वह संवद्र्धित होता रहा। प्रस्तुत आलेख में गुप्तकालीन मूर्तिकला का विवेचन किया गया।