धार संग्रहालय की परमार कालीन जैन प्रतिमाएं —अरविन्द कुमार जैन, एवं संगीता मेहता सारांश म. प्र. राज्य का धार जिला पुरातात्विक सामग्री से समृद्ध है। इसी कारण लार्ड कर्जन की प्रेरणा से १९०२ में धार संग्रहालय की स्थापना की गई थी। यही संग्रहालय वर्तमान में जिला पुरातत्व संग्रहालय धार के नाम से विख्यात है। यहाँ…
जैन मूर्तियों, शिल्पकला एवं प्राचीन ग्रंथों का जैविक क्षरण सारांश प्रस्तुत शोध आलेख में वायुमण्डल में उपस्थित सूक्ष्म जीवों द्वारा मूर्तियों, गुफाओं, शिल्पकला, भित्ति चित्रकला एवं प्राचीन ग्रंथों के जैविक क्षरण का वर्णन किया गया है। जैविक क्षरण से हमारी अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर का तीव्रगति से विनाश हुआ है एवं काफी धरोहर नष्ट होने के…
ऋग्वेद मूलत: श्रमण ऋषभदेव प्रभावित कृति है! डा. स्नेहरानी जैन( सागर – म. प्र. ) विश्व के विद्वानों, इतिहासकारों एवं पुरातात्विकों के मतानुसार इस धरती पर ईसा से लगभग ५०००—३००० वर्ष पूर्व के काल में सभ्यता अत्यन्त उन्नति पर थी। मिस्र देश के पिरामिड और ममी, स्पिक्स, चीन की ममी, ग्रीक के अवशेष, बेबीलोन,…