शारदा पक्ष के व्रत 25 सितम्बर से 9 अक्टूबर 2022 तक – शारदा व्रत नवदेवता व्रत (रूपार्थवल्लरी व्रत) नवरात्रि व्रत चारित्रमाला व्रत गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी का परिचय गणिनी ज्ञानमती बारहमासा गणिनी ज्ञानमती माताजी की वैराग्य भावना ज्ञानामृत पताका सप्ततिज्ञानमंत्राणि ज्ञानमती माताजी के भजन 06 अक्टूबर 2022 से आचार्य पदारोहण 99th के सन्दर्भ में –…
दीपावली के प्रात: काल की पूजा की विधि – अभिषेक, शांतिधारा के बाद नवदेवता पूजा करे – भगवान महावीर निर्वाणभूमि-पावापुरी जल मंदिर परिचय भगवान महावीर पूजा Bhagwan Mahavir Swami Pujan निर्वाणकाण्ड (भाषा) निर्वाणकाण्ड- भाषा (पूज्य श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा अनुवादित) सायंकाल पूजा की विधि – 25 अक्टूबर को शाम को होने वाली पूजा – दीपावली…
ऋषभगिरी मांगीतुंगी मांगीतुंगी सिद्धक्षेत्र का परिचय A Brief Introduction of Rishabhgiri of Mangitungi Siddhakshetra भारतीय संस्कृति के आद्य प्रणेता- भगवान ऋषभदेव ऋषभदेव की कथा (काव्य कथानक) ऋषभ जन्मभूमि अयोध्या प्रथम दीक्षा तीर्थ प्रयाग ऋषभदेव निर्वाण भूमि कैलाश पर्वत (अष्टापद तीर्थ) प्रथम आहार भूमि हस्तिनापुर तीर्थ ज्ञानमती माता जी की मांगीतुंगी यात्रा चक्रवर्ती भरत स्वामी भगवान…
स्वर्णिम महोत्सव 2022 स्वर्णिम महोत्सव 2022(part-01) स्वर्णिम महोत्सव 2022(part-2) स्वर्णिम महोत्सव 2022(part-03) स्वर्णिम महोत्सव 2022(part-04) स्वर्णिम महोत्सव 2022(part-05) स्वर्णिम महोत्सव 2022(part-06) स्वर्णिम महोत्सव 2022(part-07) स्वर्णिम महोत्सव 2022(part-08) स्वर्णिम महोत्सव 2022(part-09) स्वर्णिम महोत्सव 2022(part-10) स्वर्णिम महोत्सव 2022(part-11)
दिगम्बर जैन तीर्थों के CONTACT NO. प्रधान कार्यालय दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान जम्बूद्वीप -हस्तिनापुर,जिला-मेरठ (उ 0 प्र 0) संपर्क सूत्र -(01233)280184, 280994 , Mob. 9717331008 , 9411025124 अयोध्या (उ.प्र.)- श्री दिगम्बर जैन अयोध्या तीर्थक्षेत्र कमेटी सम्पर्क – 05278-232308, 8005191351 प्रयाग-इलाहाबाद (उ.प्र.)- तीर्थंकर ऋषभदेव तपस्थली प्रयाग तीर्थ, इलाहाबाद सम्पर्क- 9415367215, 9936352111 कुण्डलपुर…
अध्याय ७ – सुदं मे आउस्संतो! (मुनिधर्म) सुदं मे आउस्संतो! इह खलु समणेण भयवदा महदि-महावीरेण महा-कस्सवेण सव्वण्हुणा सव्वलोगदरिसिणा सदेवासुर-माणुसस्स लोयस्स आगदि-गदि-चवणो-ववादं बंधं मोक्खं इिंड्ढ ठिदिं जुदिं अणुभागं तक्कं कलं मणो-माणसियं भूतं कयं पडिसेवियं आदिकम्मं अरुह-कम्मं सव्वलोए सव्वजीवे सव्वभावे सव्वं समं जाणंता पस्संता विहरमाणेण समणाणं पंचमहव्वदाणि राइभोयणवेरमण-छट्ठाणि सभावणाणि समाउग-पदाणि सउत्तर-पदाणि सम्मं धम्मं उवदेसिदाणि। (२८ मूलगुण) वद-समिदिंदिय-रोधो…