आचार्य श्री अजितसागर जी
चतुर्थ पट्टाचार्य आचार्य श्री अजितसागर जी महाराज विक्रम सं. १९८२ (सन् १९२५) में भोपाल के पास आष्टा नामक कस्बे के समीप प्राकृतिक सुरम्यता से परिपूर्ण भौंरा ग्राम में श्री जबरचंद जी जैन की धर्मपत्नी रूपाबाई की कुक्षि से एक बालक का जन्म हुआ, जिसका नाम रखा गया राजमल। वि.सं. २००२ में राजमल आचार्यश्री वीरसागर महाराज से...