मनहस्ती को वश में करो!
मनहस्ती को वश में करो जह चंडो वणहत्थी उद्दामो णयररायमग्गम्मि।तिक्खंकुसेण धरिदो णरेण दिढसत्तिजुत्तेण।।तह चंडो मणहत्थी उद्दामो विसयराजमग्गम्मि।णाणंकुसेण धरिदो रुद्धो जह मत्तहत्थिव्य।। अर्थ- जैसे जिसके गंडस्थल से मद झर रहा है और जो अत्यन्त कुपित हो रहा है ऐसा वनहस्ती यदि सांकल आदि बंधनों से रहित होकर नगर के राजमार्गों में दौड़ रहा है तो दृढ़…