दे दी जगत को ज्ञानमती मात सी मिसाल!
दे दी जगत को तर्ज—दे दी हमें आजादी…… दे दी जगत को ज्ञानमती मात सी मिसाल। हे रत्नमती मात! तुमने कर दिया कमाल।। टेक.।। तुमको दहेज में मिला इक ग्रन्थ अनोखा। श्री पद्मनन्दि पंचिंवशती था अनूठा।। हे रत्नमती……।।१।। संसार से विराग का उससे सबक मिला। तब ज्ञानमती नाम का पहला कुसुम खिला।। इनसे जली है…