05. मिथ्यादर्शन
मिथ्या दर्शन विपरीत या गलत धारणा का नाम मिथ्यात्व है अथवा सच्चे देव, शास्त्र गुरू पर श्रद्धान न करना या झूठे देव, शास्त्र, गुरू का श्रद्धान करना मिथ्यात्व है। मिथ्यात्व के उदय से जीव को सच्चा धर्म नहीं रुचता है। जैसे—पित्त के रोगी को दूध भी कड़वा लगता है। इसके मुख्य दो भेद हैं-गृहीत और…