पाण्डुकवन का वर्णन
पाण्डुकवन का वर्णन पांडुकवन में चारों ओर मार्ग एवं अट्टालिकाओं से विशाल और अनेक प्रकार की ध्वजापताकाओं से संयुक्त ऐसी अतिरमणीय दिव्य तटवेदी हैं अर्थात् पांडुकवन के तट पर चारों तरफ परकोटे के समान वेष्टित किये हुए वेदी है उसके गोपुरों पर रत्नमय देवभवन हैं। उस वेदी के मध्य में पर्वत की चूलिका को चारों…