09.सीताहरण
सीताहरण (६०)पुष्पक विमान में बैठ इधर, रावण भी चले युद्ध करने।जैसे ही नीचे दृष्टि पड़ी, सीता का रूप लगा ठगने।।वह भूल गये सब क्रोध, शोक, सीता पर वह आसक्त हुए।अवलोकिनी विद्या के द्वारा, तत्क्षण ही सब कुछ जान गए।। (६१)कर दिया उन्होंने सिंहनाद, हे राम!राम! की ध्वनि हुई।व्याकुल हो उठे राम पल में, सीता भी…