28. पश्चिम पुष्करार्धद्वीप ऐरावतक्षेत्र भूतकालीन तीर्थंकर स्तोत्र
(चौबीसी नं. २८) पश्चिम पुष्करार्धद्वीप ऐरावतक्षेत्र भूतकालीन तीर्थंकर स्तोत्र गीता छंद दिश अपर पुष्कर द्वीप में, शुभ क्षेत्र ऐरावत कहा। उस मध्य आरज खंड में, तीर्थेशगण होते वहाँ।। जो हुए बीते काल में, उन जिनवरों को मैं नमूँ। बहु भक्ति श्रद्धा से यहाँ, मन-वचन-तन से नित नमूँ।।१।। दोहा श्री ‘उपशांत’ जिनेन्द्र हैं, प्रशम गुणाकर आप।…