अयोध्या तीर्थ स्तुति
अयोध्या तीर्थ स्तुति शंभु छन्द हे नाथ! आपके गुणमणि की, गुणमाल गूंथ कर लाये हैं।भक्ती से प्रभु के चरणों में, हम वंदन करने आये हैं।।है धन्य अयोध्यापुरी जहाँ, श्री आदिनाथ ने जन्म लिया।जिन अजितनाथ अभिनंदन सुमती, प्रभु अनंत ने धन्य किया।।केलाशगिरी से वृषभदेव जिन, मोक्षधाम को पाये हैं।।हे०।।१।। सम्राट् भरतचक्री ने दीक्षा ले, शिवपद को...