101. स्वयंप्रभ पर्वत के बाहर कर्मभूमि है
स्वयंप्रभ पर्वत के बाहर कर्मभूमि है एवं स्वयंप्रभ पर्वत से पूर्व असंख्यात द्वीपों में जघन्य भोगभूमियाँ हैं। स्वयंभूरमणद्वीपमध्यस्थाद्वलयाकृते। स्वयंप्रभाचलात्सर्वा कर्मभूमिर्बहि: स्थिता:।।३०।। अर्थ—(वलयाकृते) वलयाकृति (स्वयंभूरमणद्वीपमध्यस्यात्) स्वयंभूरमण द्वीप के मध्यस्थ (स्वयंप्रभाचलात्) स्वयंप्रभ अचल से (बहि.) बाहर (सर्वा) सब (कर्मभूमि:) कर्मभूमि (स्थिता:) स्थित हैं। भावार्थ—स्वयंभूरमण द्वीप के मध्यस्थ वलयाकृति स्वयंप्रभ पर्वत से बाहर कर्मभूमि स्थित है। स्वयंप्रभाचलादारात्परतो…