गले में और सिर पर सोना ही पहनना चाहिए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इंसान के सिर पर सूर्य ग्रह का प्रभाव रहता है। पैरों में शनि ग्रह का प्रभाव रहता है। वहीं आयुर्वेद के अनुसार इंसान का सिर ठंडा व पैर गर्म रहना चाहिए। इसलिए सिर पर सोना धातु और पैरों में चांदी के आभूषणों…
अनेक रोगों का इलाज है मिट्टी प्राकृतिक चिकित्सा में मिट्टी का विभिन्न प्रकार से प्रयोग किया जाता है। मिट्टी का महत्व आदिकाल से चला आ रहा है। वास्तव में मिट्टी प्राकृतिक चिकित्सा का सबसे बड़ा माध्यम है। आयुर्वेद ग्रन्थों में भी मिट्टी की प्रशंसा की गई है यथा : ‘‘कर्दमो दाह—पित्तार्लिशोथध्न: शाीतल: सर:।’’ अर्थात्…
गठिया रोगी ! ध्यान दें! चिकित्सकों की माने तो गठिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें एक या उससे अधिक जोड़ों में दर्द और सूजन होती है। गठिया खुद को किसी भी प्रकार में प्रकट कर सकता है जैसे कि रूमेटी गठिया, ऑस्टियो आर्थराइटिस, गाउट, जुवेनाइल इडियोपैथिक आर्थराइटिस और स्पोंडीलोसिस आदि। हालांकि गठिया बुढ़ापे की…
एसिडिटी से कुदरती रूप से छुटकारा दिलाये अजवायन पेट में गैस बनना यानी एसिडिटी एक आम समस्या है। एसिडिटी की समस्या बहुत आम है और यह समस्या सभी को होती ही है। कुछ लोग तो इससे बहुत परेशान भी रहते हैं। इसका कारण है अनियमित भोजन, तेल और मसालेदार खाने का अधिक सेवन। जो लोग…
गाय के घी का महत्व आज खाने में घी ना लेना एक फेशन बन गया है . बच्चे के जन्म के बाद डॉक्टर्स भी घी खाने से मना करते है . दिल के मरीजों को भी घी से दूर रहने की सलाह दी जाती है . ये गौमाता के खिलाफ एक खतरनाक साज़िश है .रोजाना…
आयुर्वेद के मुताबिक इन चीजों को साथ खाना ठीक नहीं आयुर्वेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। चिकित्सा की यह अनूठी पद्धति शारीरिक विकारों की चिकित्सा के साथ-साथ उनसे बचने के उपायों पर भी बल देती है। यही कारण है कि इस चिकित्सा पद्धति को भारत ही नहीं, विश्व भर में जाना…
दृढ़ता का ज्वलन्त उदाहरण सेठ प्रियदत्त अपनी भार्या और कन्या सहित श्री महामुनि धर्मकीर्ति आचार्य के समीप बैठे हुए धर्मोपदेश सुन रहे हैं। उपदेश के अनन्तर सेठ जी हाथ जोड़कर गुरु से निवेदन करते हैं- ‘‘श्रीगुरुदेव! इस अष्टान्हिक महापर्व में आठ दिन के लिए मुझे ब्रह्मचर्य व्रत प्रदान कीजिए।’’ मुनिराज भी पिच्छिका उठाकर कुछ मंत्र…
कुछ सामान्य रोग दुबलापन उपचार — पपीते का हलुवा और खीर खायें। ये दोनों पदार्थ पौष्टिक तथा विटामिन युक्त होते हैं। और पाचन क्रिया को सुदृढ़ बनाते हैं। टांसिल उपचार — पपीते के बीजों को दो कप पानी में औटा लें । छानकर कुल्ला करें। तथा कपड़ा भिगोकर सिकाई करें। बादी व खूनी बवासीर उपचार…
कुछ विशिष्ट रोग ह्रदय की धडकन लक्षण— इस बीमारी में दिल की धड़कन बढ़ जाती है, चेहरे पर खुश्की, प्यास, भद्दापन, नींद आने की स्थिति, अजीर्ण, अरुचि, भूख न लगना आदि लक्षण दिखाई देते हैं। उपचार १. पिस्ते में जरा सा सेंधा नमक लगाकर खायें। इससे दिल की धड़कन सामान्य हो जाती है। २. पपीता…