07. ध्यान के भेद
ध्यान के भेद किसी एक विषय में चित्त को रोकना ध्यान है, इसके चार भेद हैं। आर्तध्यान, रौद्रध्यान, धर्मध्यान और शुक्लध्यान। आर्तध्यान–दु:ख में होने वाले ध्यान को आर्तध्यान कहते हैं। इसके चार भेद हैं- (१) इष्ट का वियोग हो जाने पर बार-बार उसका चिंतवन करना इष्ट वियोगज आर्तध्यान है। (२) अनिष्ट का संयोग हो…