06. सम्यग्दर्शन
सम्यग्दर्शन सम्यग्दर्शन सच्चे देव, सच्चे शास्त्र और सच्चे गुरु का श्रद्धान करना सम्यग्दर्शन है। यह आठ अंग से सहित होता है तथा इन अंगों के उल्टे शंकादि आठ दोष, आठ मद, छह अनायतन और तीन मूढ़ता इन पच्चीस दोषों से रहित होता है अथवा छह द्रव्य, पांच अस्तिकाय, सात तत्त्व और नव पदार्थ इनका श्रद्धान…