सहस्रनाम स्तोत्र-द्वितीय अध्याय
खेत्तपरूवणा सुत्ताणि (क्षेत्र प्रमाणानुगम के सूत्र)
भ्रान्तियों का निराकरण यज्ञोपवीत जैनत्व का चिन्ह है प्रश्न – यज्ञोपवीत तो ब्राह्मणों के लिए है, यह जैन का चिन्ह नहीं है ? उत्तर – ऐसा नहीं है, क्योंकि जैन ग्रंथों के अनुसार आठ वर्ष की उम्र में यज्ञोपवीत संस्कार होना ही चाहिए। बिना यज्ञोपवीत धारण किए पूजन व दान करने का विधान नहीं है।…
सम्यकदर्शन के आठ अंग की कथाएं नि:शंकित अंग में प्रसिद्ध अंजन चोर की कथा काश्मीर देश के अन्तर्गत विजयपुर के राजा अरिमंथन के ललितांग नाम का एक सुन्दर पुत्र था। इकलौता बेटा होने से माता—पिता के अत्यधिक लाड़—प्यार से वह विद्याध्ययन नहीं कर सका और दुब्र्यसनी बन गया। युवा होने पर प्रजा को अत्यधिक त्रास…
तीर्थंकर ऋषभदेव परिचय गर्भावतार अनन्तर छह महीने बाद भगवान् ऋषभदेव वहाँ स्वर्ग से अवतार लेंगे, ऐसा जानकर इंद्र की आज्ञा से प्रेरित कुबेर ने आकाश से रत्नों की वर्षा करना प्रारंभ कर दिया। वह इंद्रनीलमणि, हरिन्मणि, पद्मरागमणि आदि की वर्षा ऐसी शोभित हो रही थी कि मानो ऋषभदेव की सम्पत्ति उत्सुकता के कारण उनके आने…