नकसीर नकसीर — नथुओं में दो दो बूंद नींबू का रस टपकाने से नाक से रक्त गिरना तुरन्त बंद हो जाता है। जिन्हें प्राय: नकसीर आती है वे सूखे आंवलों को रात को भिगोकर उस पानी से रोज प्रात: सिर धोयें। आंवले का मुरब्बा खायें यदि नकसीर किसी भी प्रकार से बंद न हो…
जानिए जब कोई आपके पैर छुए तो आपको क्या—क्या करना चाहिए पुराने समय से ही परंपरा चली आ रही है कि जब भी हम किसी विद्वान व्यक्ति या उम्र में बड़े व्यक्ति से मिलते हैं तो उनके पैर छुते हैं। इस परंपरा को मान—सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। यह बात तो सभी जानते…
अखबारों के माध्यम से अब हेपेटाइटिस को हराएं वाइरल हेपेटाइटिस में लिवर में सूजन हो जाती है। गर्मियों में इस बीमारी के होने की आशंकाएं कुछ ज्यादा ही बढ़ जाती हैं। इसका कारण है कि गर्मियों और बरसात के मौसम में खाद्य पदार्र्थो और पानी के दूषित होने की संभावनाएं कहीं ज्यादा बढ़ जाती हैं।…
पाचनतंत्र में दांतो का महत्व वैद्य श्री रामदत्त शास्त्री पाचन तंत्र के अंग प्रमुख लिखते है इनको सब जानें कैसे कैसे काम करते हैं, ये सब इनको पहिचाने। सर्वप्रथम है दान्त जीभ, आमाशय छोटी आन्त कहो। पित्ताशय आमाशय प्लीहा, ये सब इनके नाम अहॉ। इन सबका ही महत्व बड़ा है, किन्तु दान्त सब से…
हर्बल नुस्खों के तौर पर अडूसा का प्रयोग मध्य और पश्चिम भारत के वनों में प्रचुरता से पाए जाने अडूसा को आदिवासी अनेक हर्बल नुस्खों के तौर पर अपनाते हैं। प्राचीन काल से अडूसा का उपयोग कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता रहा है और इस जिक्र आयुर्वेद में भी मिलता है। अडूसा…
अखबारों के माध्यम से खत्म हो जाएगी घबराहट हृदय रोगी व मधुमेह रोगी रहें सजग.. गर्मियों में दिन लंबा व रात छोटी होती है। इसलिए हृदय रोगी थकान व तनाव महसूस कर सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप उनका ब्लडप्रेशर बढ़ सकता है। इसी तरह डाइबिटीज से ग्रस्त लोगों का ब्लड शुगर भी थकान व तनाव के…
अखबारों के माध्यम से गला और छाती की बीमारी का इलाज गले में कितनी भी ख़राब से ख़राब बीमारी हो, कोई भी इन्फेक्शन हो, इसकी सबसे अच्छी दवा है हल्दी जैसे गले में दर्द है, खरास है , गले में खासी है, गले में कफ जमा है, गले में टोनसीलाईटिस हो गया ; ये सब…
दिनचर्या नियमित रखें, स्वस्थ रहें मानव जीवन का सर्वोपरि ध्येय धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष प्राप्ति है।ये चारों तभी संभव है जब मानव शरीर पूर्ण रूप से स्वस्थ हो क्योंकि रोगी मनुष्य न तो धर्म का पालन ठीक से कर सकता है, न ही धनोपार्जन की सामथ्र्य उसमें रहती है। कामसुख भोगना भी शकाय या…
बीमारी को अब आप विदा कर दीजिए श्री नेमीचन्द जैन (सेवानिवृत प्रधानाचार्य) (तर्ज:— डगमग डगमग नाव………………) प्रारम्भ मेरे प्यारे मित्रों! अब ध्यान से सुन लीजिये। मेरी प्यारी बहनों! अब ध्यान से सुन लीजिये। बीमारी को अब आप विदा कर दीजिये। …