ज्ञानमती माताजी द्वारा समयसार अनुवाद
माताजी द्वारा समयसार अनुवाद प्रारंभ। (ज्ञानमती_माताजी_की_आत्मकथा) समयसार अनुवाद प्रारंभ- द्वितीय ज्येष्ठ शुक्ला ५, श्रुत पंचमी कहलाता है। दिनाँक १९ जून को जिनवाणी की पूजा कराके हम सभी ने श्रुतपंचमी की क्रिया सम्पन्न की पुनः मैंने समयसार की दोनों टीकाओं का अनुवाद शुरू किया। पहले ईसवी सन् १९७८ में मैंने दिल्ली में यह अनुवाद प्रारंभ किया…