त्रिलोक भास्कर पढ़ें
दिल्ली पहाड़ी धीरज पर वीर नि. सं. २४९८ ( सन् १९७२ ) के चातुर्मास में करणानुयोग से सम्बंधित ग्रन्थ ” त्रिलोक भास्कर ” लिखा गया | वैसे तो तीन लोक का विस्तृत वर्णन तिलोयपण्णत्ति , त्रिलोकसार , लोक विभाग आदि अनेक ग्रंथों में पूर्वाचार्यों ने किया है किन्तु सुगमता की द्रष्टि से पूज्य माताजी ने सरल हिन्दी में उन्हीं ग्रंथों का सार इसमें लिया है | यथास्थान चार्ट एवं चित्रों को देकर इसे विशेष रूप से पठनीय बना दिया है |