वीर नि.स. २५२५ , सन् १९९९ में पूज्य माताजी ने यह पुस्तक लिखी , इसमें भगवान ऋषभदेव कैसे बने ? राजा महाबल की पर्याय से उनके जीवन का उत्थान प्रारम्भ हुआ , पुनः ललितांग देव, राजा वज्रजंघ, भोगभूमि आर्य , श्रीधर देव , सुविधि राजा , अच्युतेंद्र , वज्रनाभि चक्रवर्ती , सर्वार्थसिद्धि के अहमिन्द्र आदि भवों का वर्णन कर भगवान ऋषभदेव के पञ्चकल्याणक का वर्णन किया है |